नइया का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- राजनाथ सिंह भले ही बीजेपी के इमानदार छवि वाले नेता हो सकते हैं , लेकिन उनका इतिहास देखा जाए तो उन्होंने अबतक कोई ऐसा कारनामा नहीं किया जिसको देखकर कहा जा सके कि वह इस बीजेपी की नइया पार लगाएंगे .
- सूरते हाल यह है कि अब टॉप फोर में जगह बनाने के लिए नीचे की तीन टीमों में जोरदार मुकाबला होगा और एक भी अपसेट वेस्टइंडीज , इंगलैंड , साउथ अफ्रीका और बांगलादेश की नइया को इस दसवें वर्ल्डकप में कभी भी डूबो सकता है।
- नवा-नइया तालाब के आसमान पर शाम का नजारा इनसेट में 24 मई 2000 को जारी डाक टिकट संकरी-पेन्ड्रीडीह बाइपास मार्ग पर बिलासपुर से लगभग 15 किलोमीटर दूर बेलमुड़ी ( बेलमुण्डी ) गांव में नवा तालाब को घेरे , अर्द्धचंद्राकार लंबाई में फैला नइया तालाब सड़क से दिखता है।
- उन्हें पोंछती हुई वह इस तरह बोली जैसे अपने से ही कह रही हो , “अब मेरी दूसरी नइया नहीं बन सकती, मुन्ने, क्योंकि इस जीवन में तुम आ चुके हो और मेरा उपयोग हो चुका है....औरत एक वस्तु है बेटे, जो मिट्टी के बर्तन की तरह जूठी होती है.....।”
- नइया तालाब का यह भाग लाख संख्या में अनुमान की जाने वाली गुलाबी मैना का डेरा बना और इन तालाबों के ऊपर शाम करीब पांच बजे से साढ़े छः बजे तक आकाश में पक्षी-झुंडों की करतबी उड़ान का नजारा और उसकी चर्चा मार्च के अंतिम सप्ताह से अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक रही।
- आजकल हर भारतवासी ख्यातिप्राप्त कुंवारों की शादी को लेकर अटकलें लगाने में ही तो बिजी है और अटकलों की जिज्ञासा के इसी प्रवाह चिट्ठी खोलने वाले डाकिए को क्या पता कि राहुल बाबा के पास शादी-वादी के लिए टाइम-शाइम ही कहां है , वह तो आजकल उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की नइया पार लगाने के लिए चप्पू चला रहे हैं।
- आजकल हर भारतवासी ख्यातिप्राप्त कुंवारों की शादी को लेकर अटकलें लगाने में ही तो बिजी है और अटकलों की जिज्ञासा के इसी प्रवाह चिट्ठी खोलने वाले डाकिए को क्या पता कि राहुल बाबा के पास शादी-वादी के लिए टाइम-शाइम ही कहां है , वह तो आजकल उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की नइया पार लगाने के लिए चप्पू चला रहे हैं।
- कहा तो जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने चार पांच महीनों में कई बार अपने इस्तीफे की पेशकश की है , लेकिन मुश्किल ये है कि जिसे सोनिया गांधी चाहती हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री बनाया जाए, वो सरकार का बोगडोर थामने को तैयार नहीं है, जो तैयार हैं उनकी छवि पहले ही इतनी खराब है कि वो सरकार की नइया भला क्या पार लगाएंगे।
- कहा तो जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने चार पांच महीनों में कई बार अपने इस्तीफे की पेशकश की है , लेकिन मुश्किल ये है कि जिसे सोनिया गांधी चाहती हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री बनाया जाए , वो सरकार का बोगडोर थामने को तैयार नहीं है , जो तैयार हैं उनकी छवि पहले ही इतनी खराब है कि वो सरकार की नइया भला क्या पार लगाएंगे।