नर्बदा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मैंने बीकानेर के माननीय सांसद अर्जुन मेघवाल , भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन और नर्बदा बचाओ आंदोलन की अगुवा, प्रणेता व भारत में जन संघर्षों की जुझारू प्रतीक बन गई मेधा पाटकर का जंतर-मंतर पर आपको दिया संबोधन सुना।
- इस अवसर पर गफार खां , जिलाध्यक्ष भंवरलाल भाटी, प्रदेश सचिव रणछोड़ गहलोत, गोपाल व्यास, जब्बरसिंह, मनोहरसिंह,जगदीशसिंह, थानाराम चौधरी, नर्बदा कटारिया, कमलेश, अनिल गुप्ता, प्रेमाराम, अशोक मीणा, हिम्मताराम, हेमराज, जगदीश, भीमाराम, मांगीलाल, मोतीलाल, रणजीत, मोहनलाल, गंगाराम आदि मौजूद थे।
- ऐसा वक्त भी आया कि अखबार को लिखना पड़ा कि अब और नहीं छाप सकते . अखबार की इस बुलंदी के पीछे बस यही एक नर्बदा का सपूत खड़ा था जिसने साहित्यकारों को बिना किनारे किये पत्रकारिता को स्थापित कर दिया.
- विधायक अर्जुनसिंह देवड़ा ने नर्बदा के पानी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दो साल से कहा जा रहा है कि जालोर जिले के गांवों को नर्बदा का पानी जल्दी मिल जाएगा , लेकिन अभी तक पानी नहीं मिला है।
- विधायक अर्जुनसिंह देवड़ा ने नर्बदा के पानी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दो साल से कहा जा रहा है कि जालोर जिले के गांवों को नर्बदा का पानी जल्दी मिल जाएगा , लेकिन अभी तक पानी नहीं मिला है।
- घरों की बुढ़िया सब जनानियों को जगा शौच सफाई को सरेह में निकल जातीं और रास्ते में दिन भर का काम काज तय हो जाता - धान का भुजिया , साहुन की तोरी , सलोनी का बियाह और नर्बदा का गौना सब।
- ' नर्बदा, क्यूँ तुम ही नहीं मुड जाती दिल्ली कि ओर कंपकपाती यमुना को लेघेर लेती चीलो की संसद को?क्यूँ, नर्बदा तुम भी उंगली पकडे खड़ी हो हजारो उन चिंगारियोको तेल देती?नर्बदा, क्यूँ तुम ही नहींचट्टानो को चीर नया रास्ता बना देती,उजाला जो दीयो तले है सब और फैला देती?
- ' नर्बदा, क्यूँ तुम ही नहीं मुड जाती दिल्ली कि ओर कंपकपाती यमुना को लेघेर लेती चीलो की संसद को?क्यूँ, नर्बदा तुम भी उंगली पकडे खड़ी हो हजारो उन चिंगारियोको तेल देती?नर्बदा, क्यूँ तुम ही नहींचट्टानो को चीर नया रास्ता बना देती,उजाला जो दीयो तले है सब और फैला देती?
- ' नर्बदा, क्यूँ तुम ही नहीं मुड जाती दिल्ली कि ओर कंपकपाती यमुना को लेघेर लेती चीलो की संसद को?क्यूँ, नर्बदा तुम भी उंगली पकडे खड़ी हो हजारो उन चिंगारियोको तेल देती?नर्बदा, क्यूँ तुम ही नहींचट्टानो को चीर नया रास्ता बना देती,उजाला जो दीयो तले है सब और फैला देती?
- ' नर्बदा, क्यूँ तुम ही नहीं मुड जाती दिल्ली कि ओर कंपकपाती यमुना को लेघेर लेती चीलो की संसद को?क्यूँ, नर्बदा तुम भी उंगली पकडे खड़ी हो हजारो उन चिंगारियोको तेल देती?नर्बदा, क्यूँ तुम ही नहींचट्टानो को चीर नया रास्ता बना देती,उजाला जो दीयो तले है सब और फैला देती?