नाथपंथ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ये प्राय : आठ (या कुछ अधिक) पंक्तियों के रहस्यमय गीत हैं जिनका संबंध महायान बौद्धधर्म तथा नाथपंथ, दोनों से संबद्ध गुप्त संप्रदाय से है।
- नामदेव की रचना के आधार पर यह कहा जा सकता है कि ' निर्गुणपंथ ' के लिए मार्ग निकालनेवाले नाथपंथ के योगी और भक्त नामदेव थे।
- यह देवी का मंदिर आज भी विद्यमान है , जैसलमेर में विभिन्न संप्रदायों के प्रति बहुत आस्था रही है, इनमें राम स्नेही, नाथपंथ तथा वल्लभ संप्रदाय प्रमुख हैं।
- नाथपंथ का योगमार्ग जन साधारण के लिये सहज साध्य न होने के कारण ज्ञानेश्वर ने उसे भक्ति का अधिष्ठान देकर ईश्वरभक्ति रूपी नेत्रों से युक्त कर दिया।
- सर्वे तत्रा लयं योति यत्रा देवो निरंजन : ' नाद ' और ' बिंदु ' क्या है , यह नाथपंथ के प्रपंच में दिखाया जा चुका है।
- यह देवी का मंदिर आज भी विद्यमान है , जैसलमेर में विभिन्न संप्रदायों के प्रति बहुत आस्था रही है, इनमें राम स्नेही, नाथपंथ तथा वल्लभ संप्रदाय प्रमुख हैं।
- हमने देखा था कि शब्द चाहें नाथपंथ से लें , चाहे इस्लाम से , उन शब्दों से जो वाक्य रचते हैं , वह कबीर का अपना है।
- इस प्रकार की एक पुस्तक का नाम है , ' काफिरबोध ' 4 नाथपंथ के उपदेशों का प्रभाव हिंदुओं के अतिरिक्त मुसलमानों पर भी प्रारंभ काल में ही पड़ा।
- सहजयान और नाथपंथ के अधिकांश साधक तथाकथित नीची जातियों में उत्पन्न हुए थे , अतः उन्होंने इस अकारण नीच बनाने वाली प्रथा को दार्शनिक की तटस्थता के साथ नहीं देखा।
- इस कथा से यह स्पष्ट लक्षित हो जाता है कि नामदेव को नाथपंथ के योगमार्ग की ओर प्रवृत्त करने के लिए ज्ञानदेव की ओर से तरह-तरह के प्रयत्न होते रहे।