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नावाक़िफ़ का अर्थ

नावाक़िफ़ अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. और उनके जवाबात देने में कोताही से काम लेने लगें और तुम्हारे लिये जो अहद व पैमान बान्धें उसे कमज़ोर कर दें और तुम्हारे खि़लाफ़ साज़बाज़ के तोड़ने में आजिज़ी का मुज़ाहिरा करने लगे देखो यह लोग मामलात में अपने सही मक़ाम से नावाक़िफ़ न हांे के अपनी क़द्र व मन्ज़िलत का न पहचानने वाला दूसरे के मुक़ाम व मरतबे से यक़ीनन ज़्यादा नावाक़िफ़ होगा।
  2. और उनके जवाबात देने में कोताही से काम लेने लगें और तुम्हारे लिये जो अहद व पैमान बान्धें उसे कमज़ोर कर दें और तुम्हारे खि़लाफ़ साज़बाज़ के तोड़ने में आजिज़ी का मुज़ाहिरा करने लगे देखो यह लोग मामलात में अपने सही मक़ाम से नावाक़िफ़ न हांे के अपनी क़द्र व मन्ज़िलत का न पहचानने वाला दूसरे के मुक़ाम व मरतबे से यक़ीनन ज़्यादा नावाक़िफ़ होगा।
  3. यह देखने की जरूरत है कि शिकार हिल में था या हरम में , शिकार करने वाला मसले से परिचित था या अनभिज्ञ और नावाक़िफ़ , उसने जानबूझकर उस जानवर को मार डाला या धोखे से वह मर गया , वह इंसान आज़ाद था या गुलाम , बच्चा था या बालिग़ ( वयस्क ) , पहली बार ऐसा किया था या पहले भी ऐसा कर चुका था ?
  4. ( (( - हज़रत ने तहकीम का फ़ैसला करते हुए दोनों अफ़राद को एक साल की मोहलत दी थी ताके इस दौरान नावाक़िफ़ अफ़राद हक़ व बातिल की इत्तेलाअ हासिल कर लें और जो किसी मिक़दार में हक़ से आगाह हैं वह मज़ीद तहक़ीक़ कर लें , ऐसा न हो के बेख़बर अफ़राद पहले ही मरहले में गुमराह हो जाएं और अम्र व आस की मक्कारी का षिकार हो जाएं।
  5. ( (( इसका यह मतलब हरगिज़ नहीं है के इस्लाम किसी भी मौज़ू के बारे में जेहालत का तरफ़दार है और न जानने ही को अफ़ज़लीयत अता करता है , बल्कि इसका मतलब सिर्फ़ यह है के अकसर लोग उन हक़ाएक़ के मुतहम्मल नहीं होते हैं लेहाज़ा इन्सान को उन्हीं चीज़ों का इल्म हासिल करना चाहिये जो उसके लिये क़ाबिले तहम्मुल व बर्दाश्त हो इसके बाद अगर हुदूदे तहम्मुल से बाहर हो तो पड़ लिख कर बहक जाने से नावाक़िफ़ रहना ही बेहतर है।
  6. और जो नाशुक्री करे तो मेरा रब बे पर्वाह है सब ख़ूबियों वाला { 40 } सुलैमान ने हुक्म दिया औरत का तख़्त उसके सामने बनावट बदल कर बेगाना करदो कि हम देखें कि वह राह पाती है या उनमें होती है जो नावाक़िफ़ रहे { 41 } फिर जब वह आई उससे कहा गया क्या तेरा तख़्त ऐसा ही है , बोली गोया यह वही है , ( 18 ) ( 18 ) इस जवाब से उसकी अक़्लमन्दी का कमाल मालूम हु आ.
  7. ढूंढिये कि वास्तव में दुनिया में कोई आदर्श हुआ भी है कि नहीं और अगर हुआ है तो कौन ? ख़ैर , कहने का मक़सद यह है कि नेताओं और साहित्यकारों के जीवन से जुड़ी घटनाओं को बयान करना भारतीय समाज में मान्य है अतः इस पर आपका आपत्ति करना केवल यह बताता है कि या तो आप सभ्य समाज की परंपराओं से नावाक़िफ़ हैं या फिर आप भी दोहरे पैमाने रखते हैं गांधी जी और पटेल की तरह , और ये दोनों ही चीज़ें घातक हैं।
  8. औरत की मजबूरी , इज़्ज़त और हालात पर उस दौर को एक निगाह अदा करने के लिए और औरत की कीमत को अनमोल करार देने के लिए यह नज़्म हर दौर को महफ़ूज़ रखना होगी क्योंकि इसमें जो तस्वीर खींची गई है, उससे एक चित्रकार उस दौर के शहरों में होने वाले कोठों और चकलों का पूरा चित्र बना सकता है, एक फिल्मकार बिल्कुल सटीक सैट खड़ा कर सकता है और उस दौर से नावाक़िफ़ कोई भी शख़्स उस घिनौनी, ख़ौफ़नाक़ और नंगी सच्चई को उसी नफ़रत के साथ महसूस कर सकता है।
  9. क्या मेरे व्यक्तित्व में इतने डिफ़रेंट शेड्स और इतनी उदारता देखने के बावजूद भी यह कहना ज़्यादती नहीं है कि मेरे दिमाग़ की खिड़कियां बंद हैं या मैं दूसरे मसायल से नावाक़िफ़ हूं ? या मेरे बारे में भी यह राय महज़ इसलिए बना ली जाती है कि मैं एक मुसलमान हूं ? क्या अपने ज़हन के खुलेपन को दिखाने के लिए मैं फ़िल्मी कलाकारों में शामिल हो जाऊं ? लेकिन अगर मैं ऐसा कर लूं तो क्या तब आप लोग यह मान लेंगे कि अनवर जमाल के ज़हन की खिड़कियां खुली हुई हैं ?
  10. मैं तुम्हारे लिये इस बात को नापसन्द करता हूँ के तुम गालियां देने वाले हो जाओ , बेहतरीन बात यह है के तुम उनके आमाल और हालात का तज़किरा करो ताके बात भी सही रहे और हुज्जत भी तमाम हो जाए और फिर गालियां देने के बजाए यह दुआ करो के ख़ुदाया ! हम सबके ख़ूनों को महफ़ूज़ कर दे और हमारे मुआमलात की इस्लाह कर दे और उन्हें गुमराही से हिदायत के रास्तु पर लगा दे ताके नावाक़िफ़ लोग हक़ से बाख़बर हो जाएं और हर्फ़े बातिल कहने वाले अपनी गुमराही और सरकषी से बाज़ आ जाएं।
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