निंबोली का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- लोग जिसे नीम बताते थे , वह दरअस्ल बकाइन थी , जिसकी निंबोली को लखनऊ में हकीम साहब पेचिश और बवासीर के नुस्ख़ों में लिखा करते थे।
- डॉ . स्वाति ने कहा कि जामुन, करेले, भिंडी,नीम की निंबोली, मेथी दाना, पीपल या अर्जुन की छाल तथा तेज पत्ता का चूर्ण बनाकर दिन में एक बार लें।
- पेट का इलाज सिर्फ नीम से कर सकते हैं - अगर अपच या कब्ज हो जाये तो निंबोली खायें ( नीम का फल पका हुआ ) रूका हुआ मल बाहर निकालता है।
- नीम , बरगद एवं पीपल के वृक्षों के कटने से इन पर उगने वाली निंबोली एवं गूलर फल के अलावा इस पर रहने वाले कीड़े-मकोड़े भी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
- मौसम की खुनक कुछ कम हुई है , चटख रंग के फूल खिलने लगे हैं , पलाश के सिरे दहक रहे हैं , आम पर बौर और नीम पर निंबोली महकने लगी है।
- नीम की निंबोली ( बीज ) और एरण्ड के बीज के गूदा को नीम के पत्तों के रस में पीस लें , फिर इसे योनि में लगाने से योनि की पीड़ा शान्त होती है।
- यह तो तय है कि वह आम के मीठे फलों को देखकर भी कड़वी निंबोली को कभी भी भूल नहीं पायेगा पर अन्त में आम का पेड़ लगवाना मनुष्य के आशावादी होने का प्रतीक है।
- गहरायी तक महसूस किये जाने और बारबार पढ़े जाने को बुलाती है यह पोस्ट ! यहाँ तो पहले ही इस कहानी के दर्द को लेकर शोकसभा हो चुकी है, अपुन तो बस, निंबोली का ज़ायका दुहराने आये थे ।
- नीम के पत्ते जरा सी हींग के साथ पीस लें और चाट जायें पेट के कीड़े नष्ट हो जायेंग पेट का इलाज नीम से भी किया जा सकता हैं , अगर अपच या कब्ज हो जाये तो निंबोली खायें ( नीम का फल पका हुआ ) रूका हुआ मल बाहर निकालता है।
- छूने दे क्या गीला है बेरंग है या नीला है कोई तो आकार मिले कितना है ये नपने दे॥ कच्ची मिटटी का सांचा खींच जाने दे खांचा जल जाने दे धूप में थोडा सा तो पकने दे॥ हो न कहीं खट्टी निंबोली आने दे शब्दों की टोली ख़ामोशी को आज जरा जी भर सब कुछ बकने दे॥ देखूं , जीवन क्या तीखा है या कि बिलकुल फीका है ख्वाहिश का कोई रुखा कोर आज जरा मन छकने दे॥ तिश्नगी ! ये कैसी तिश्नगी है कि आंसूओं को भी प्यास लगने लगी है।