नित्यत्व का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- प्रारम्भ में अद्वैत वेदांत का सिद्धांत जो ब्रह्म है , उसका वर्णन, वेदों का महत्त्व, उन वेदों के मुख्य अंग, व्याकरण की महिमा, व्याकरणशास्त्र की सामान्य रचना पद्धति, अर्थ बोधक शब्द का नित्यत्व, नित्य शब्द और ध्वनिरूप शब्द का व्यंग्य व्यंजक भाव-ये विषय अनेक लौकिक दृष्टांतों की सहायता से सिद्ध किये गए हैं।
- प्रारम्भ में अद्वैत वेदांत का सिद्धांत जो ब्रह्म है , उसका वर्णन , वेदों का महत्त्व , उन वेदों के मुख्य अंग , व्याकरण की महिमा , व्याकरणशास्त्र की सामान्य रचना पद्धति , अर्थ बोधक शब्द का नित्यत्व , नित्य शब्द और ध्वनिरूप शब्द का व्यंग्य व्यंजक भाव-ये विषय अनेक लौकिक दृष्टांतों की सहायता से सिद्ध किये गए हैं।
- आत्मा का स्वतन्त्र अस्तित्व दोनों को ही स्वीकार है | आत्मा जन्म मरण के चक्र में रहते हुए भी स्वयम् अपने स्वरूप में अखण्ड रहता है | जीव के परिणामी नित्यत्व पर घटने वाली यह उपमा दोनों स्थलों पर एक ही प्रतीत होती है | इसके द्वारा प्रत्येक जिज्ञासु और साधक अपने तर्क का समाधान यथार्थ रूप में पा लेता है | पुनर्जन्म दोनों स्वीकार करते हैं | देहान्तरप्राप्ति स्वाभाविक है |