निशाचरी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- चमदागड़-सा उल्टा लटका हुआ सुख चिंचियाता उड़ता है किसी निशाचरी देह गंध में तृप्त होने नाभी के गहरे वृत्त में जहाँ से शुरू होती हैं ढलान , गहराइयाँ समतल पठार , पर्वतीय ऊँचाइयाँ।
- फ़िल्म की कहानी पारंपरिक मायनों वाली नहीं है , ये पारस्परिक सभ्याचार वाले समाजों में ठिठके-दुबके सभी गीक्स के स्वप्निल निशाचरी मन की मृगतृष्णाओं और खोयेपन में जगी चौकन्नी छलांगों के बारे में है।
- कुछ निशाचरी जानवरों में दिन और रात दोनों में साफ़ देखने की क्षमता होती है लेकिन कुछ की आँखें अँधेरे में ही ठीक से काम करती हैं और दिन के वक़्त चौंधिया जाती हैं .
- से ही उलूक व्यापार ( निशाचरी व्यापार) के रूप में मिलने लगता है और तब से आज तक निरंतर संसार के सभी औद्योगिक देशों में यथासमय, यथावश्यकता, किसी न किसी रूप में यह वर्तमान रहा है।
- जहाँ मैं साँस ले रहा हूँ अभी चारों तरफ़ फैली हुई है रात ख़ौफ़ की तरह - चीख़ते-चिंघाड़ते निशाचरी दानव हैं शिकारी कुत्तों की गश्त है बिच्छुओं का पहरा है कोबरा ताक लगाये बैठे हैं
- वीर-वंश की लाज यही है , फिर क्यों वीर न हो प्रहरी,विजन देश है निशा शेष है, निशाचरी माया ठहरी॥कोई पास न रहने पर भी, जन-मन मौन नहीं रहता;आप आपकी सुनता है वह, आप आपसे है कहता।
- न करू स्विच ? क्यूं न करू स्विच ? अंधियारी निशा का साया सप्ताह्तं संध्या पर काम का चरम दबाव वातानुकूलित लेब मे बैठ मेरा निशाचरी दिल सोचता हैं क्यूं न करू स्विच ?? आउट डेटेड बोस के ...
- प्रकट में मैंने कहा कि ना जी ना कॉलेज के ज़माने से निशाचरी रहे हैं और अब तो मुई इस ब्लॉगिंग की वज़ह से हर रात ही अपनी सुबह होती है और असली सुबह के दर्शन तो कभी कभार होते हैं।
- इस प्रकार गर्जना करता हुआ रावण उन्हें समझा रहा था कि तभी एक अत्यन्त विकरालरूपा निशाचरी दौड़ती हुई आई और रावण के शरीर से लिपट कर बोली , ” हे प्राणवल्लभ ! आप इस कुरूप सीता के लिये क्यों इतने व्याकुल होते हैं ?
- प्राचीन कथाओं में राक्षसों को भी रात में सक्रीय रहने वाले जीव बताया जाता था , इसलिए कभी-कभी “निशाचर” का अर्थ “राक्षस” निकाला जाता था, जैसा की मैथिलीशरण गुप्त की “पंचवटी” नाम की कविता में देखा जा सकता है - :“वीर-वंश की लाज यही है, फिर क्यों वीर न हो प्रहरी, विजन देश है निशा शेष है, निशाचरी माया ठहरी॥”