नृत्यनाटिका का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ' अमन का राग' इस तरह तमाम साहित्य-कला के संदर्भों, तमाम राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय, सामाजिक- सांस्कृतिक-राजनीतिक संदर्भों और विचारधारात्मक-भावात्मक पहलुओं को समाहित करती हुर्इ एक अदभुत संश्लिष्ट रचना है जो अपने 'टैक्श्चर' में भी और अपने 'स्ट्रक्चर' में भी एक साथ बहुत कुछ है, वह रचनाकार के अपने गहन विचारधारात्मक संवेदनात्मक भाव से परिचालित एक कोलाज, एक महाकाव्य, एक चलचित्र, एक नृत्यनाटिका और एक सिंफ़नी है।
- इन गतिविधियों में - झाडू लगाकर सड़कों को साफ़ करना , दीवारों को प्रेरणास्पद नारों से सजाना , गांव के बाहर रहने वाले डूबळा आदि-वासियों को रात में लालटेन लेकर पढ़ाने जाना , उन्हें चिकित्सकीय मदद सुलभ करना , नृत्यनाटिका व गरबा करना , गांव गांव घूमना , चरखा चलाना , प्रार्थना करना वगै़रह - समाजवादी गीतकार व चित्रकार कुलिन पंड्या हमारी प्रेरणा के मुख्य स्त्रोत थे।
- इन गतिविधियों में - झाडू लगाकर सड़कों को साफ़ करना , दीवारों को प्रेरणास्पद नारों से सजाना , गांव के बाहर रहने वाले डूबळा आदि-वासियों को रात में लालटेन लेकर पढ़ाने जाना , उन्हें चिकित्सकीय मदद सुलभ करना , नृत्यनाटिका व गरबा करना , गांव गांव घूमना , चरखा चलाना , प्रार्थना करना वगै़रह - समाजवादी गीतकार व चित्रकार कुलिन पंड्या हमारी प्रेरणा के मुख्य स्त्रोत थे।
- ' अमन का राग ' इस तरह तमाम साहित्य-कला के संदर्भों , तमाम राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय , सामाजिक- सांस्कृतिक-राजनीतिक संदर्भों और विचारधारात्मक-भावात्मक पहलुओं को समाहित करती हुर्इ एक अदभुत संश्लिष्ट रचना है जो अपने ' टैक्श्चर ' में भी और अपने ' स्ट्रक्चर ' में भी एक साथ बहुत कुछ है , वह रचनाकार के अपने गहन विचारधारात्मक संवेदनात्मक भाव से परिचालित एक कोलाज , एक महाकाव्य , एक चलचित्र , एक नृत्यनाटिका और एक सिंफ़नी है।
- नयी दिल्ली के फि़क्की आडीटोरियम में उनका जलसा था जिसमें उन्होंने नज़्में और ग़ज़लें सुनायीं , उसी ग़ैरनाटकीय तरीक़े से जिसका ज़िक्र अक्सर लोग करते थे, उमा शर्मा ने उनकी ग़ज़लों पर एक नृत्यनाटिका तैयार की थी जिससे जलसे में एक नया ही रंग आ गया था, फिर भी वह गायकी सुनने को नहीं मिली जो इक़बाल बानो की `लाज़िम है कि हम भी देखेंगे' की चुनौतीभरी आवाज़ में उन दिनों सुहैल हाशमी के पास के एक कैसेट में सुनी थी और उसकी प्रतिलिपि अपने पास भी मैंने रखी थी।
- नयी दिल्ली के फि़क्की आडीटोरियम में उनका जलसा था जिसमें उन्होंने नज़्में और ग़ज़लें सुनायीं , उसी ग़ैरनाटकीय तरीक़े से जिसका ज़िक्र अक्सर लोग करते थे , उमा शर्मा ने उनकी ग़ज़लों पर एक नृत्यनाटिका तैयार की थी जिससे जलसे में एक नया ही रंग आ गया था , फिर भी वह गायकी सुनने को नहीं मिली जो इक़बाल बानो की ` लाज़िम है कि हम भी देखेंगे ' की चुनौतीभरी आवाज़ में उन दिनों सुहैल हाशमी के पास के एक कैसेट में सुनी थी और उसकी प्रतिलिपि अपने पास भी मैंने रखी थी।
- ये आंखें ही अमर सपनों की हक़ीक़त और हक़ीक़त का सपना हैं इनको देख पाना ही अपने आप को देख पाना है समझ पाना है हम मनाते हैं कि हमारे नेता इनको देख रहे हों ' अमन का राग' इस तरह तमाम साहित्य-कला के संदर्भों, तमाम राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय, सामाजिक- सांस्कृतिक-राजनीतिक संदर्भों और विचारधारात्मक-भावात्मक पहलुओं को समाहित करती हुर्इ एक अदभुत संश्लिष्ट रचना है जो अपने 'टैक्श्चर' में भी और अपने 'स्ट्रक्चर' में भी एक साथ बहुत कुछ है, वह रचनाकार के अपने गहन विचारधारात्मक संवेदनात्मक भाव से परिचालित एक कोलाज, एक महाकाव्य, एक चलचित्र, एक नृत्यनाटिका और एक सिंफ़नी है।