पंचभौतिक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अर्थात् पंचभौतिक , चतुर्विध , षडरसयुक्त दो प्रकार के अथवा आठ प्रकार के वीर्य वाले , अनेक गुण युक्त भलीभाँति परिणाम को प्राप्त हुए आहार का जो तेजोभूत सार भाग अत्यन्त सूक्ष्म होता है- वह रस कहलाता है ।।
- वरन् अपने गुरु के दिये हुए ज्ञान को याद करने लगे कि ' यह तलवार किसको मारेगी ? मार-मारकर इस पाँचभौतिक शरीर को ही तो मारेंगी और ऐसे पंचभौतिक शरीर तो कई बार मिले और कई बार मर गये।
- इसके बाद उसमें इन्द्रियां मन प्राण ग्यान आयु सुख धैर्य धारणा प्रेरणा दुख मिथ्या अहंकार यत्न आकृति रंग राग द्वेष और उत्पत्ति विनाश ये सब उस अनादि आत्मा को सादि मानकर पंचभौतिक शरीर के साथ उत्पन्न होते हैं ।
- जो कोई इसे , इस प्रकार जानने वाला पुरुष, ब्रह्म के इस चतुष्कलपाद की 'ज्योतिष्मान्' ऐसे गुण से युक्त उपासना करता है, वह इस लोक में दीप्तियुक्त होता है और पंचभौतिक शरीर छोड़ने पर चंद्र एवं आदित्यादि के ज्योतिष्मान् लोकों को जीत लेता है।
- शब्द- संगीत के शक्तिमय कंपनों का पंचभौतिक प्रवाह और आत्मशक्ति की सूक्ष्म प्रकृति की भावना , आराधना के आधार पर उत्पन्न किया गया संबंध , यह दोनों ही कारण गायत्री शक्ति को ऐसी बलवान बनाते हैं , जो साधकों के लिए दैवी वरदान सिद्ध होती है।
- शब्द संगीत के शक्तिमान कम्पनों का पंचभौतिक प्रवाह और आत्म- शक्ति की सूक्ष्म प्रकृति की भावना , साधना , आराधना के आधार पर उत्पन्न किया गया सम्बन्ध , यह दोनों कारण गायत्री शक्ति को ऐसा बलवान बनाते हैं , जो साधकों के लिए दैवी वरदान सिद्ध होता है।
- पोषण का क्रम यह है कि वह पंचभौतिक आहार द्रव्य में जो पाथव आहार है , वह देह के पाथव का और जो आप्य द्रव्य है वह शरीर के आप्य अंश का पोषण या वृद्धि ' सर्वदा सवर्ण भावानां सामान्यं वृद्धि कारणम् ' के नियम से करता है ।
- न जाने कितनी बार किन-किन चीजों के लिए हमारा सिर चला गया ! एक बार और सही। ...और वे सद्गुरु यह पंचभौतिक सिर नहीं लेते, वे तो हमारी मान्यताओं का, कल्पनाओं का सिर ही ले लेते हैं ताकि हम भी परमात्मा के दिव्य आनंद का, प्रेम का, माधुर्य का अनुभव कर सकें।
- इस प्रकार पाथव आहार पाथवोष्मा , आप्य आहार की आप्योष्मा , आग्नेय आहार की आग्नेयोष्मा , वायवीय आहार की वायोष्मा और नाभस आहार की नाभोष्मा , शरीर के पाँच प्रकार की ऊष्माओं की अर्थात् पंचभौतिक देह की पाथवोष्मा को पंचभौतिक आहार की पंचभौतिक आहार की आपोष्मा , पंचभौतिक शरीर की आप्योष्मा को , पंचभौतिक आहार की आग्नेयोष्मा पंचभौतिक देह की आग्नेयोष्मा को , पंचभौतिक आहार की वायव्योष्मा पंचभौतिक देह की वायव्योष्मा को , तथा पंचभौतिक आहार की नाभयोष्मा पंचभौतिक देह की नाभयोष्मा को पुष्ट करती है ।।
- इस प्रकार पाथव आहार पाथवोष्मा , आप्य आहार की आप्योष्मा , आग्नेय आहार की आग्नेयोष्मा , वायवीय आहार की वायोष्मा और नाभस आहार की नाभोष्मा , शरीर के पाँच प्रकार की ऊष्माओं की अर्थात् पंचभौतिक देह की पाथवोष्मा को पंचभौतिक आहार की पंचभौतिक आहार की आपोष्मा , पंचभौतिक शरीर की आप्योष्मा को , पंचभौतिक आहार की आग्नेयोष्मा पंचभौतिक देह की आग्नेयोष्मा को , पंचभौतिक आहार की वायव्योष्मा पंचभौतिक देह की वायव्योष्मा को , तथा पंचभौतिक आहार की नाभयोष्मा पंचभौतिक देह की नाभयोष्मा को पुष्ट करती है ।।