पथरीली भूमि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस पहाडी रांकड पथरीली भूमि में प्राचीन काल से वर्षा ऋतु में बोयी जाने वाली खरीफ के फसल के मोटे अनाजों ( ज्वार, कोदों, धान, कुटकी, राली, लठारा, समा, उर्दा एवं तिल) की फसलें ही पैदा होती रही है।
- देखो यहाँ से इस पथरीली भूमि पर एक मज़दूर गिरा था और ज़िन्दा बच गया ; मालूम है कैसे ? यहाँ पर एक मेमना खड़ा था , वह आदमी उस पर गिरा ; मेमना मर गया परन्तु आदमी बच गया।
- नेताजी - जिन्दा या मुर्दा ३ ० . प्रश्न १ ९ . यदि दुर्घटना तइपेई हवाई अड्डे के क्षेत्र में ही हुई थी तो उसके नष्ट-भ्रष्ट हिस्से उबड़ खाबड़ पथरीली भूमि पर कब , क्यों एवं कैसे पहुँच गए ?
- ललितपुर जनपद की किसी सड़क पर खड़े होकर नजर डालें तो चारों तरफ कंकरीली और पथरीली भूमि में गेहूं व मटर की लहलहाती फसल देख ऐसा लगता है कि इस इलाके का किसान कुछ ज्यादा ही खुशहाल होगा , पर यह सच नहीं है।
- यहाँ खुले मैदान और सघन वन ; उर्वरा खेत और बंजर पथरीली भूमि ; नदियाँ , झरने , ताल-तलाब तो सूखे फटे पानी पानी चीखते टीले-टपरे ; बेहिसाब गर्मी से बिबाईयाँ होते मैदान तो महीनों तक जम कर बरसने वाली बरसातें जसी स्पष्ट विविधतायें विद्यमान हैं।
- गंगा का इतिहास गंगा को मैदानों मं लान क पीछ का इतिहास भी यदि समझा जाए तो स्पष्ट होता है कि गंगा उस समय चीन की अनुपजाऊ पथरीली भूमि की ओर स बहा करती थी , अर्थात हिमालय स दक्षिण को न बहकर उत्तर को बहती थी।
- खुदा की क़सम वह ज़ुल्म से नहीं भागे और अदल ( न्याय ) से जा कर नहीं चिमटे , और हम उम्मीदवार हैं कि अल्लाह इस मुआमले की हर सख्ती को आसान और इस संगलाख ज़मीन को ( पथरीली भूमि ) को हमारे लिये हमवार ( समतल ) करेगा।
- राजनीति की ऊसर और पथरीली भूमि और साहित्य के सौम्य सागर में एक साथ विचरण करना समुद्र से गंगा-यमुना के पानी को अलग-अलग करना असंभव कार्य है , लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डा . निशंक इस भूमि को भी उर्वरा बना रहे हैं और सागर से मोती भी चुन रहे हैं।
- इस क्षेत्र में माही , बनास, सोमकला, चम्बल, काली सिंध, पार्वती के अलावा भी अन्य छोटी नदियां बहती है तथा काफी क्षेत्र सिंचित व पहाड़ी है, लेकिन उसके बाद भी रिचार्ज की सम्भावनाएं बहुत कम है क्योंकि इस क्षेत्र की भूमि की किस्म पथरीली है तथा पथरीली भूमि में भूजल रिचार्ज न के बराबर होता है एवं भूजल भी ऐसी जगह रिचार्ज होता है जहां पथरीली भूमि में दरार होती है।
- इस क्षेत्र में माही , बनास, सोमकला, चम्बल, काली सिंध, पार्वती के अलावा भी अन्य छोटी नदियां बहती है तथा काफी क्षेत्र सिंचित व पहाड़ी है, लेकिन उसके बाद भी रिचार्ज की सम्भावनाएं बहुत कम है क्योंकि इस क्षेत्र की भूमि की किस्म पथरीली है तथा पथरीली भूमि में भूजल रिचार्ज न के बराबर होता है एवं भूजल भी ऐसी जगह रिचार्ज होता है जहां पथरीली भूमि में दरार होती है।