पाणिनीय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ► पाणिनीय व्याकरण के माहेश्वर सूत्र
- इन वार्तिकों के बिना पाणिनीय व्याकरण अधूरा सा रहा जाता।
- 5 पाणिनीय व्याकरण की प्रमुख विशेषताएँ
- इन वार्तिकों के बिना पाणिनीय व्याकरण अधूरा सा रहा जाता।
- इस सम्बन्ध में पाणिनीय व्याकरण ही वेदाङ्ग का प्रतिनिधित्व करता है।
- पाणिनि के अन्य ग्रन्थ हैं - उणादिसूत्र , लिंगानुशासन और पाणिनीय शिक्षा।
- [ संपादित करें ] पाणिनीय व्याकरण की महत्ता पर विद्वानों के विचार
- यहाँ प्रत्याहार को पाणिनीय व्याकरण के सन्दर्भ में दिया गया है।
- पाणिनीय सूत्रों के रहते उनका यह मतलब पूरा होने का नहीं।
- अत्यंत संक्षिप्त होना ही पाणिनीय सूत्रों का सबसे निराला वैशिष्ट्य है।