पानीपत की तीसरी लड़ाई का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आपने यह भी दिखाया कि मराठा , जो वर्ष 1761 में पानीपत की तीसरी लड़ाई के बाद से ही दिल्ली से दूर रहे हैं , आज भी राष्ट्रीय राजधानी में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं।
- शुजा पानीपत की तीसरी लड़ाई में किस पक्ष को समर्थन दें , यह इस युद्ध के नतीजे के लिए अहम साबित होने वाला था, क्योंकि अफ़ग़ानियों ने मराठों की रसद काट दी थी जिसकी वजह से खाने की कमी हो गई थी।
- [ नवीन निगम] उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रस्तावित चौरासी कोसी यात्रा ने एक नई राजनीतिक उथलपुथल मचा दी है। आजकल वैसा ही माहौल है जैसा 1761 में पानीपत की तीसरी लड़ाई के समय था। अब्दाली से लडऩे के लिए जब मराठे
- [ नवीन निगम] उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रस्तावित चौरासी कोसी यात्रा ने एक नई राजनीतिक उथलपुथल मचा दी है। आजकल वैसा ही माहौल है जैसा 1761 में पानीपत की तीसरी लड़ाई के समय था। अब्दाली से लडऩे के लिए जब मराठे
- जब अहमदशाह अब्दाली ने पानीपत की तीसरी लड़ाई जीत ली तो कहते हैं कि महाराष्ट्र में ऐसा कोई परिवार नहीं बचा जिसका एक सदस्य लड़ाई में न मारा गया हो , न जाने कितने लोगों को अफ़ग़ानिस्तान में गुलाम बनाकर बेच दिया गया.
- माधोजी सिंधिया के दो प्रमुख और विश्वस्त सेनापतियों के नाम थे हीराखां पिंडारी और तुरानखां पिंडारी ! पानीपत की तीसरी लड़ाई में पिंडारी सरदार हूलसवार ने पन्द्रह हजार सवार लेकर मराठों के लिये युद्ध किया था और वीरगति को प्राप्त हुए थे।
- माधोजी सिंधिया के दो प्रमुख और विश्वस्त सेनापतियों के नाम थे हीराखां पिंडारी और तुरानखां पिंडारी ! पानीपत की तीसरी लड़ाई में पिंडारी सरदार हूलसवार ने पन्द्रह हजार सवार लेकर मराठों के लिये युद्ध किया था और वीरगति को प्राप्त हुए थे।
- मराठे पानीपत की तीसरी लड़ाई से उबर नही पाए थे , मुग़ल सम्राट तक उसके यहाँ शरणार्थी था, उसे अहमद शाह अब्दाली की मित्रता प्राप्त थी जनवरी १७६४ मे मीर कासिम उस से मिला उसने धन तथा बिहार के प्रदेश के बदले उसकी सहायता खरीद ली।
- मराठे पानीपत की तीसरी लड़ाई से उबर नही पाए थे , मुग़ल सम्राट तक उसके यहाँ शरणार्थी था, उसे अहमद शाह अब्दाली की मित्रता प्राप्त थी जनवरी 1764 मे मीर कासिम उस से मिला उसने धन तथा बिहार के प्रदेश के बदले उसकी सहायता खरीद ली।
- मराठे पानीपत की तीसरी लड़ाई से उबर नही पाए थे , मुग़ल सम्राट तक उसके यहाँ शरणार्थी था, उसे अहमद शाह अब्दाली की मित्रता प्राप्त थी जनवरी 1764 मे मीर कासिम उस से मिला उसने धन तथा बिहार के प्रदेश के बदले उसकी सहायता खरीद ली।