पाशुपत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मौर्यकाल में जैनधर्म , बौद्धधर्म, वैष्णव, शैव, पाशुपत और शाक्त उपासनाओं के उल्लेख मिलते हैं।
- सम्प्रदाय के रूप में पाशुपत मत का संघटन बहुत पहले प्रारम्भ हो गया था।
- इनमें शैव , पाशुपत, वीरशैव, कालामुख, कापालिक, काश्मीर शैव मत तथा दक्षिणी मत अधिक प्रसिद्ध हैं।
- इनमें शैव , पाशुपत, वीरशैव, कालामुख, कापालिक, काश्मीर शैव मत तथा दक्षिणी मत अधिक प्रसिद्ध हैं।
- साथ ही ' शैव', 'पाशुपत' , 'कालदमन' और 'कापालिक' नामक चार प्रमुख शास्त्रों की रचना की।
- इनमें शैव , पाशुपत, वीरशैव, कालामुख, कापालिक, काश्मीर शैव मत तथा दक्षिणी मत अधिक प्रसिद्ध हैं।
- इनमें शैव , पाशुपत, वीरशैव, कालामुख, कापालिक, काश्मीर शैव मत तथा दक्षिणी मत अधिक प्रसिद्ध हैं।
- 8 . आगमिक शैव मत पाशुपत सम्प्रदाय का आधारग्रन्थ महेश्वर द्वारा रचित ‘ पाशुपतसुत्र ' है।
- नकुलीश पाशुपत ' कहा है , साथ ही उसके पांच सिद्धांतों की व्याख्या भी की है।
- १ ५ ( अर्जुन को शिव से पाशुपत अस्त्र की प्राप्ति ) , ४ १ .