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पुंडरीक का अर्थ

पुंडरीक अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. तीसरे दिन की जलेब में देवता वीर , जैर देवता नजां , देवता पुंडरीक ऋषि सैंज , माता आशापुरी , शंगचुल महादेव , लक्ष्मी नारायण मनु ऋषि ने भाग लेकर जलेब की शोभा बढ़ाई।
  2. बाराबंकी जिला के रुदौली में एक जमींदार परिवार में 10 मई 1945 को जन्मे डॉ 0 पुंडरीक ने मुहर्रम के दौरान इमामबाड़ा पर दिल के टुकड़े कर दिए बहना के बोल नौहा सुनाया था।
  3. हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिये हमेशा संवेदनशीलता के साथ संवेदनात्मक विचारों और प्रवचनों से लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ने वाले मानस मर्मज्ञ डॉ 0 सैयद महफूज हसन रिजवी पुंडरीक अब हमारे बीच नहीं रहे .
  4. अंग-बाह्य के चौदह भेद माने गये हैं , जो इस प्रकार हैं-सामायिक , चतुर्विंशतिस्तव , वन्दना , प्रतिक्रमण , वैनयिक , कृतिकर्म , दशवैकालिक , उत्तराध्ययन , कल्पव्यवहार , कल्पाकल्प , महाकल्प , पुंडरीक , महापुंडरीक और निषिद्धिका।
  5. अंग-बाह्य के चौदह भेद माने गये हैं , जो इस प्रकार हैं-सामायिक , चतुर्विंशतिस्तव , वन्दना , प्रतिक्रमण , वैनयिक , कृतिकर्म , दशवैकालिक , उत्तराध्ययन , कल्पव्यवहार , कल्पाकल्प , महाकल्प , पुंडरीक , महापुंडरीक और निषिद्धिका।
  6. रिजवान चंचल / लखनऊ / हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिये हमेषा संवेदनशीलता के साथ संवेदनात्मक विचारों प्रवचनो से लोगों के दिलों में अमिट छाप छोडने वाले मानस णमर्मज्ञ डॉ 0 सैयद महफूज हसन रिजवी पुंडरीक अब हमारे बीच नहीं रहे ।
  7. इनके नाम हैं- ( १ ) ऐरावत , ( २ ) ( पुंडरीक , ) ( ३ ) वामन , ( ४ ) कुमुद , ( ५ ) अंजन , ( ६ ) पुष्पदंत , ( ७ ) सार्वभौम व ( ८ ) सुप्रतीक।
  8. इस कार्यक्रम में आने वाले देश के कई मूर्धन्य साहित्यकार अगले सत्रों में अपना वक्तव्य देंगे जिनमें नित्यानंद तिवारी , सुरेंद्र वर्मा, खगेन्द्र ठाकुर, उषा किरन खान, धीरेंद्र अस्थाना, अरुण कमल, अखिलेश, अजय तिवारी, रंजना अरगड़े, कविता वाचक्नवी, दिनेश कुशवाह, बसंत त्रिपाठी, नरेंद्र पुंडरीक, गोपेश्वर सिंह, प्रमुख हैं।
  9. इस कार्यक्रम में आने वाले देश के कई मूर्धन्य साहित्यकार अगले सत्रों में अपना वक्तव्य देंगे जिनमें नित्यानंद तिवारी , सुरेंद्र वर्मा, खगेन्द्र ठाकुर, उषा किरन खान, धीरेंद्र अस्थाना, अरुण कमल, अखिलेश, अजय तिवारी, रंजना अरगड़े, कविता वाचक्नवी, दिनेश कुशवाह, बसंत त्रिपाठी, नरेंद्र पुंडरीक, गोपेश्वर सिंह, प्रमुख हैं।
  10. किदंवती है कि पहली सदी में बनारस से आए पंुडरीक नाग और पार्वती पूरी जाने के क्रम में पिठौरिया में ही रुके , उसी दौरान पार्वती को प्रसव पीड़ा हुई और उसने पुंडरीक नाग से उस सच्चाई का खुलासा करने का आग्रह किया, जो उसके मन में पहले से दबी थी।
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