पुनपुन नदी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पुनपुन नदी किंजर और लालगंज में व बागमती नदी रूनीसैदपुर तथा बेनीबाद में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है और कोसी नदी भी बलतारा , कुरसेला और बथुआ में , जबकि गंडक लालगंज में खतरे के निशान को पार कर गयी है।
- विशेषज्ञ कहते हैं कि पुनपुन नदी जो , वर्तमान में फतुहा में गंगा में मिलती है वह नौबत पुर ( पटना के दक्षिण - पश्चिम में ) के आगे फतुहा में गंगा में मिलाने तक सोन नदी के पुराने रास्ते से बह रही है .
- पौराणिक शहर गयाजी में बुधवार से पितरों के प्रति आस्था जताने का उत्सव पितृपक्ष प्रारंभ हो रहा है। मुख्य विष्णुपद वेदी सहित पांच कोस में फैले जीवंत 54 वेदियां पुत्रों द्वारा तर्पण और कर्मकांड की प्रतीक्षा में है। बुधवार से पुनपुन नदी में पहले तर्पण के बाद बृहस्पतिवार से गया जी के फल्गु नदी में स्नान और पिंडदान का
- तो आईये हम आपको बताते हैं ऐसे स्टेशन के बारे में गया - मुगलसराय खंड पर अनुग्रह नारयण रोड रेलवे स्टेशन से महज 3 किलोमीटर आगे पुनपुन नदी के तट पर अवस्थित है अनुग्रह नारायण रोड घाट रेलवे स्टेशन जहां पितृपक्ष के दौरान इस रास्ते से जाने वाली लगभग सभी महत्वपूर्ण रेल गाडियों को 15 दिनों के लिए यहां ठहराव दिया जाता है .
- जागरण संवाददाता , गया: पौराणिक शहर गयाजी में बुधवार से पितरों के प्रति आस्था जताने का उत्सव 'पितृपक्ष' प्रारंभ हो रहा है। मुख्य विष्णुपद वेदी सहित पांच कोश में फैले जीवंत 54 वेदियां पुत्रों द्वारा तर्पण और कर्मकांड की प्रतीक्षा में है। बुधवार से पुनपुन नदी में पहले तर्पण के बाद गुरुवार से गया जी के फल्गु नदी में स्नान और पिंडदान का कर्मकांड शुरू हो जाएगा। प्रतिवर्ष भाद्र शुक्ल पुर्णिमा से प्रारंभ हो रहे पितरों के इस उत्सव को लेकर पुत्रों का आना भी मंगलवार से प्रारंभ हो जाएगा। 17 दिवस