पुरोडाश का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हिन्दी में भावार्थ- जब राज्य अपराधियों को दंड नहीं देता तो कौआ पुरोडाश खाने लगेगा , कुत्ता हवि खाकर स्वामी की बात नहीं मानेगा और समाज उच्च से निम्न स्थिति में चला जायेगा।
- शतपथ ब्राह्मण ४ . ६ . ८ . १ ८ के अनुसार पुरोडाश की एकता की स्थिति ( उदान प्राण अथवा मस्तिष्क की एकता ) आदि प्राप्त होने पर क्षिप्र स्थिति प्राप्त होती है ।
- ऐतरेय ब्राह्मण २ / १ ३ में भी उल्लेख है- पुरो वा एतान् देवा अक्रत यत्पुरोडाशानां पुरोडाशत्वम् अर्थात् चूँकि यज्ञ में देवों ने इसे पहले प्रयुक्त किया इसलिए इसे ' पुरोडाश ' कहा जाता है।
- ऐतरेय ब्राह्मण २ / १ ३ में भी उल्लेख है- पुरो वा एतान् देवा अक्रत यत्पुरोडाशानां पुरोडाशत्वम् अर्थात् चूँकि यज्ञ में देवों ने इसे पहले प्रयुक्त किया इसलिए इसे ' पुरोडाश ' कहा जाता है।
- यज्ञ के अन्त में जब पुत्रोत्पादक पुरोडाश ( खीर ) बन कर तैयार हुई और जो अत्यन्त स्वल्प काल उसे खाने के लिए नियत था , उस समय दुर्भाग्य वश रानी झूठे मुँह थी ।
- यज्ञ के अंत में पुरोडाश या चरु अर्थात् खीर का हलवा किया जाता था और बचे हुए भाग को यज्ञ- शेष के रूप में स्त्री- पुरुष या दोनों में से एक को भक्षण कराया जाता था।
- ऐसे यज्ञ से जो क्षमता उत्पन्न होती है , वह इतनी ही होती है कि एक व्यक्ति के लायक ' पुरोडाश ' बना सके ' अथवा एक महिला के लिए ' चरु ' उपलब्ध हो सके।
- ऐसे यज्ञ से जो क्षमता उत्पन्न होती है , वह इतनी ही होती है कि एक व्यक्ति के लायक ' पुरोडाश ' बना सके ' अथवा एक महिला के लिए ' चरु ' उपलब्ध हो सके।
- इतना ही नहीं गीता ३ - १ ३ एवं ४ - ३ १ के अनुसार तो यज्ञ से बना हुआ यज्ञावशिष्ट अर्थात् चरु या पुरोडाश खाने वाला सर्व पापों से छूट जाता है तथा सनातन ब्रह्म को प्राप्त करता है।
- ४ . यदि राज्य अपराधियों को दंड नहीं देगा तो कौवा पुरोडाश खाने लगेगा , श्वान हवि खा जायेगा और कोई किसी को स्वामी नहीं मानेगा और समाज उत्तम स्थिति से मध्यम और उसके बाद अधम होकर व्यवस्थाहीन हो जायेगा .