पुष्पदन्त का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जैन कवि पुप्फदन्त का तो नाम ही पुष्पदन्त का अपभ्रंश लगता है , जबकि उनकी रचना पउमचरिय वस्तुतः संस्कृत के पद्मचरित का भ्रष्ट रूप है।
- यद्यपि ये कथाएँ उन्होंने नितान्त एकान्त में ही पार्वती के आगे कही थीं , पर चोरी से उनके एक अनुचर पुष्पदन्त ने छिपकर उन्हें सुन लिया।
- पुष्पदन्त ने जिनपालित को दीक्षा देकर उसके अध्यापन हेतु सत्प्ररूपणा तक के सूत्रों की रचना की और उन्होंने उन सूत्रों को संशोधनार्थ भूतबली के पास भेज दिया।
- पुष्पदन्त ने जिनपालित को दीक्षा देकर उसके अध्यापन हेतु सत् प्ररूपणा तक के सूत्रों की रचना की और उन्होंने उन सूत्रों को संशोधनार्थ भूतबली के पास भेज दिया।
- आचार्य पुष्पदन्त भी अपने जगत्प्रसिद्ध स्तोत्र में कहते हैं - हे परमेश्वर शंकर ! आप ही जगत की सृष्टि के लिये रजोगुणी मूर्ति धारण करके ‘ भव ' कहलाते हैं।
- भूतबलि ने जिनपालित के पास उन सूत्रों को देखकर पुष्पदन्त आचार्य को अल्पायु जानकर महाकर्म प्रकृति पाहुड का विच्छेन ना हो जाये इस ध्येय से आगे द्रव्यप्रमाणादि आगम की रचना की।
- भूतबलि ने जिनपालित के पास उन सूत्रों को देखकर पुष्पदन्त आचार्य को अल्पायु जानकर महाकर्म प्रकृति पाहुड का विच्छेन ना हो जाये इस ध्येय से आगे द्रव्यप्रमाणादि आगम की रचना की।
- इस ग्रन्थ की सत्प्ररूपणा के १७७ सूत्र पुष्पदन्त ने और शेष समस्त सूत्र भूतवली के द्वारा रचित हैं अतएव यह स्पष्ट है कि श्रुत व्याख्याता धरसेन हैं और रचयिता पुष्पदन्त तथा भूतबलि।
- इस ग्रन्थ की सत्प्ररूपणा के १७७ सूत्र पुष्पदन्त ने और शेष समस्त सूत्र भूतवली के द्वारा रचित हैं अतएव यह स्पष्ट है कि श्रुत व्याख्याता धरसेन हैं और रचयिता पुष्पदन्त तथा भूतबलि।
- ' ' पार्वती के शाप के अनुसार पुष्पदन्त ने कौशाम्बी नगरी में वररुचि ( कात्यायन ) के रूप में अवतार लिया और वह महान वैयाकरण तथा नन्दवंश के अन्तिम राजा योगनन्द का मन्त्री बना।