पूर्वभाद्रपद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कईं वैदिक ज्योतिषियों का यह मानना है कि पूर्वभाद्रपद नक्षत्र की ऊर्जा को संभालना वैसे ही बहुत कठिन है और यदि यह ऊर्जा कहीं नकारात्मक प्रवृति की हो तो यह विश्व के लिए एक चिंता का विषय है क्योंकि यह आने वाले समय में हिंसा तथा विनाश का कारण बन सकती है।
- पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के पहले तीन चरण शनि द्वारा शासित कुम्भ राशि में आते हैं जबकि इस का अंतिम चरण बृहस्पति के प्रभाव में आने वाली मीन राशि के अंतर्गत आता हैं जिसके कारण इस नक्षत्र में शनि के कुछ गुण जैसे कि गहन ध्यान , तप तथा यथार्थवाद आदि पाए जा सकते हैं।
- अतः कुछ वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए ये माना जा सकता है कि पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के इस विनाशक तथा हिंसक स्वभाव को रूद्र द्वारा ब्रह्मांड की अस्तित्व की रक्षा तथा जीवन के नवीनीकरण के लिए किये जाने वाले शुद्धिकरण की प्रक्रिया के रूप में देखा जाना चाहिए।
- वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को इस नक्षत्र का शासक ग्रह माना जाता है तथा बृहस्पति का पूर्वभाद्रपद जैसे एक हिंसक तथा विनाश्कारी नक्षत्र से सम्बन्ध कईं वैदिक ज्योतिषियों के लिए भ्रम का कारण है क्योंकि बृहस्पति अपने आप में एक परोपकारी तथा लाभकारी ग्रह माना जाता है जबकि पूर्वभाद्रपद इसके बिल्कुल विपरीत विशेषताओं का मालिक है।
- वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को इस नक्षत्र का शासक ग्रह माना जाता है तथा बृहस्पति का पूर्वभाद्रपद जैसे एक हिंसक तथा विनाश्कारी नक्षत्र से सम्बन्ध कईं वैदिक ज्योतिषियों के लिए भ्रम का कारण है क्योंकि बृहस्पति अपने आप में एक परोपकारी तथा लाभकारी ग्रह माना जाता है जबकि पूर्वभाद्रपद इसके बिल्कुल विपरीत विशेषताओं का मालिक है।
- परन्तु यहाँ यह बात ध्यान देने योग्य है कि उत्तरभाद्रपद नक्षत्र के प्रभाव में आने वाले जातक अपनी ऊर्जा का प्रयोग सकारात्मक तरीके अर्थात समाज की भलाई आदि के लिए करते है जबकि पूर्वभाद्रपद के प्रभाव में आने वाले जातक इस नक्षत्र से मिली ऊर्जा का प्रयोग नकारात्मक तरीके जैसे हिंसा तथा विनाश के लिए भी कर सकते हैं।
- कुछ वैदिक ज्योतिषी यह मानते है कि पूर्वभाद्रपद नक्षत्र से जोड़े जाने वाला विनाश तथा हिंसा वास्तव में किसी ना किसी प्रकार की शुद्धिकरण के साथ जुड़े होते हैं तथा इस नक्षत्र के प्रबल प्रभाव में आने वाले कुछ जातक अपने शुद्धिकरण की प्रक्रिया को अपने शरीर को प्रताड़ना दे कर तथा चरम स्थितियों से जूझ कर पूरा करते हैं।
- वैदिक ज्योतिष के अनुसार चारपाई के पिछले हिस्से को उत्तरभाद्रपद नक्षत्र के प्रतीक चिन्ह के रूप में माना जाता है तथा कुछ वैदिक ज्योतिषियों का यह मानना है कि यह चारपाई कोई साधारण चारपाई ना होकर शव को रखने के लिए प्रयोग की जाने वाली चारपाई है जिसका वर्णन पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में भी किया गया है तथा यह उसी चारपाई का पिछ्ला भाग है।
- यहाँ पर यह बात ध्यान देने योग्य है कि पिछले नक्षत्र अर्थात पूर्वभाद्रपद नक्षत्र का संबंध भी भगवान शिव से दिखाया गया है तथा यह संबंध अजा एकपद के कारण है जो भगवान शिव के रूद्र रूप का ही एक हिस्सा है परन्तु उत्तरभाद्रपद नक्षत्र से भगवान शिव का संबंध उनके नम्र तथा दयालु रूप में है ना कि पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के तरह रूद्र रूप में।
- यहाँ पर यह बात ध्यान देने योग्य है कि पिछले नक्षत्र अर्थात पूर्वभाद्रपद नक्षत्र का संबंध भी भगवान शिव से दिखाया गया है तथा यह संबंध अजा एकपद के कारण है जो भगवान शिव के रूद्र रूप का ही एक हिस्सा है परन्तु उत्तरभाद्रपद नक्षत्र से भगवान शिव का संबंध उनके नम्र तथा दयालु रूप में है ना कि पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के तरह रूद्र रूप में।