फड़कन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वह कारण दोनों का नहीं जानता था , लेकिन एक विचित्र कँपकँपी , एक रोमांच-सा उसके कन्धों से लेकर भुजाओं और पीठ को कँपाता हुआ पैरों तक चला जाता था , और उसके अवयवो में जहाँ-तहाँ एक विवश , अनियन्त्रित स्पन्दन या फड़कन उठ रही थी ...
- शरीर का बाहरी अंग : - शरीर के कई अंगों की चाल धीमी हो जाती है , अंगों में कंपन होने लगता है , अंगों में फड़कन होने लगती है , बांहों तथा पैरों की गति सुस्त हो जाती है , कभी-कभी तो रोगी अपने पैर को घसीटकर चलता है।
- सिर से सम्बंधित लक्षण - सिर घूमता हुआ सा महसूस होना , बेहोशी सी छाना , सिर के दर्द के साथ ह ी जुकाम के लक्षण प्रकट होना , बार-बार छींके आना , ठण्डा सा पसीना आना , जीभ का ठण्डा होना , सिर के पीछे के हिस्से में जलन जिसमें नाड़ी की चाल के साथ ही फड़कन सी होना।
- मन बहुत सोचता है कि उदास न हो पर उदासी के बिना रहा कैसे जाए ? धड़कन धड़कन धड़कन धड़कन धड़कन - दाईं , बाईं , कौन सी आँख की फड़कन - मीठी कड़वी तीखी सीठी कसक-किरकिरी किन यादों की रड़कन ? उँह ! कुछ नहीं , नशे के झोंके-से में स्मृति के शीशे की तड़कन ! जिस में मैं तिरता हूँ
- परिणाम सामने आता है तो दुनियाँ की नज़रे उनकी ओर घूम जाती हैं धन्य हैं हमारे आईआईटियों वाले दिमाग ? उन्होंने चुनौती स्वीकार कर ली ।जुट गये अध्ययन-अनुसंधान में में ।चेहरे के अवयवों के फैलाव -सिकुड़ाव , नयनों का आलोड़न शरीर की नसों-नाड़ियों का संकुचन , फड़कन , तिड़कन , दर्द की लहरों के चढाव , फैलाव का ग्राफ़ांकन , आह-कराह का ,, दिमाग से चलनेवाली सूचनाओं का विश्लेषण -सबका लेखांकन कर अपनी प्रयोगशाला में गहन अध्ययन ।
- परिणाम सामने आता है तो दुनियाँ की नज़रे उनकी ओर घूम जाती हैं धन्य हैं हमारे आईआईटियों वाले दिमाग ? उन्होंने चुनौती स्वीकार कर ली ।जुट गये अध्ययन-अनुसंधान में में ।चेहरे के अवयवों के फैलाव -सिकुड़ाव , नयनों का आलोड़न शरीर की नसों-नाड़ियों का संकुचन , फड़कन , तिड़कन , दर्द की लहरों के चढाव , फैलाव का ग्राफ़ांकन , आह-कराह का ,, दिमाग से चलनेवाली सूचनाओं का विश्लेषण -सबका लेखांकन कर अपनी प्रयोगशाला में गहन अध्ययन ।
- आंखों से सम्बंधित लक्षणं- रोगी के रोशनी में आते ही आंखों का बंद हो जाना , आंखों के अन्दर के कोणों में चीस सी मारती हुई महसूस होना , आंखों से हर समय पानी सा निकलते रहना , निम्न अक्षिगहर का स्नायुशूल , नशीले पदार्थो का सेवन करने से अक्षिस्नायु का शोष , आंखों की पेशियों का आंशिक पक्षाघात , नेत्रकोटकों में फड़कन जो सिर के पीछे के हिस्से में फैल जाता है , अक्षितन्त्रिकाशोथ आदि आंखों के रोगों के लक्षणों में रोगी को नक्सवोमिका औषधि का सेवन कराना लाभदायक रहता है।