बुलाक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- परंपरागत जेवर सोने के होते और इनमें बुलाक ( नाक के नथुनों के बीच की बाली जो चिबुक एक झूलता ) , नथनी , गला बंद ( हार ) , हंसुली ( मोटे चांदी का जेवर गले के चारों ओर रहता तथा संपन्न वर्ग के लिये सोने का होता ) तथा एक धागुला जिसे पुरूष एवं महिलाएं दोनों पहनते शामिल था।
- यदि यह कहा जाए कि स्त्री की खूबसूरती में उनकी नाक काफी हद तक भूमिका निभाती है , तो गलत बात न होगी और जो नाक इतनी महत्वपूर्ण हो, उसे आभूषणों से सजा दी जाए तो फिर कहना ही क्या ! नाक के आभूषणों में लौंग(तीली), नथ और बुलाक (दोनों नथुनों के बीच की हड्डी को छेद कर डाली जाने वाली नथ) प्रमुख होते हैं।
- परंपरागत जेवर सोने के बने होते हैं जिनमें शामिल होते हैं बिंदाल , कानों के झुमके , बुलाक ( नाक की बाली जो नाकों के दोनों छिद्रों के केंद्र में पहना जाता है और चिबुक तक झुलता है ) , नथ , तिमाणिया ( गले का हार जिसमें तीन खोखले स्वर्णिम गोलों को मूंगे के मनके के कई तारों पर झुलाया जाता है ) एवं मंगल-सूत्र ( काले मूंगे पर झूलता एक केंद्रीय स्वर्ण का टुकड़ा ) आदि।
- परंपरागत जेवर सोने के बने होते हैं जिनमें शामिल होते हैं बिंदाल , कानों के झुमके , बुलाक ( नाक की बाली जो नाकों के दोनों छिद्रों के केंद्र में पहना जाता है और चिबुक तक झुलता है ) , नथ , तिमाणिया ( गले का हार जिसमें तीन खोखले स्वर्णिम गोलों को मूंगे के मनके के कई तारों पर झुलाया जाता है ) एवं मंगल-सूत्र ( काले मूंगे पर झूलता एक केंद्रीय स्वर्ण का टुकड़ा ) आदि।