बोरेक्स का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- निम्न औषधियां ल्युकोरिया में उपयोगी साबित हुई हैं- पल्सेटिला , फैल्केरिया , हिपर सल्फ , कैलीक्यूर , बोविस्टा , बोरेक्स , सिपिया , सेबाईना , क्रियोजोट , कार्बो एनिमेलिस , नेट्रम क्यूर , एल्यूमिना , हाईड्रैस्टिस , सल्फर , वाईवर्नमआपुलस इत्यादि।
- निम्न औषधियां ल्युकोरिया में उपयोगी साबित हुई हैं- पल्सेटिला , फैल्केरिया , हिपर सल्फ , कैलीक्यूर , बोविस्टा , बोरेक्स , सिपिया , सेबाईना , क्रियोजोट , कार्बो एनिमेलिस , नेट्रम क्यूर , एल्यूमिना , हाईड्रैस्टिस , सल्फर , वाईवर्नमआपुलस इत्यादि।
- प्रश्न - अमरूद की डालियों की छाल फटने से पेड़ के सूखने से बचाव उत्तर- बाविस्टीन , डाइथेन एम-45 दवा के मिश्रण की 300 से 400 ग्राम मात्रा व बोरेक्स 600 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें।
- जिप्सम की शेष आधी मात्रा तथा बोरेक्स की सम्पूर्ण मात्रा फसल की ३ सप्ताह की अवस्था पर टाप ड्रेसिंग के रूप में बिखेर कर प्रयोग करें तथा हल्की गुडाई करके ३ - ४ सेमी गहराई तक मिट् टी में भली प्रकार मिला दें।
- साबुन कम बीर है - वह मशीनों में पूरी तरह से प्रयोग करने योग्य ) 1 कप बोरेक्स 1 कप बेकिंग सोडा (सोडियम बाइकार्बोनेट) वैकल्पिक अपने पसंदीदा आवश्यक तेल की 1-2 चम्मच साबुन खुशबू बहुत मजबूत नहीं है, क्योंकि यह अच्छा गंध बनाने के लिए.
- अगर किसी स्त्री को मासिकधर्म की गड़बड़ी के कारण गर्भ न ठहरता हो तो ऐसी स्त्री को संभोगक्रिया करने से आधे घंटे पहले बोरेक्स औषधि की 6 x की एक मात्रा देनी चाहिए और संभोगक्रिया करने के आधे घंटे बाद एक मात्रा देनी चाहिए।
- यदि परीक्षण नही कराया गया है तो नत्रजन २ ० किग्रा , फास्फोरस ३ ० किग्रा , पोटाश ४ ५ किग्रा ( तत्व के रूप में ) जिप्सम २ ०० किग्रा एंव बोरेक्स ४ किग्रा प्रति हे . की दर से प्रयोग किया जाये।
- फिर सॉसपैन में 3 बड़े चम्मच मधुमोम तथा 2 बड़े चम्मच इमल्सीफाइड रंग वैक्स डालकर उबलते हुए पानी से भरे बर्तन पर रखकर दोनों सामग्री को पिघलाकर उसे 1 छोटा चम्मच बोरेक्स पाउडर मिलाकर पहले से मिले हुए मिनरल वाटर और गुलाबजल में मिला लें।
- आवंला की फसल में कौन कौन से रोग लगते है तथा उनका नियंत्रण किस प्रकार करे ? आवंला में उतक क्षय रोग तथा रस्ट बीमारी लगती हैI इनके नियंत्रण के लिए 0.4 -0.5 % बोरेक्स का छिडकाव प्रथम अप्रैल में द्वितीय जुलाई एवं तृतीय सितम्बर में उतक क्षय हेतु करना चाहिए तथा रस्ट नियंत्रण हेतु 0.
- आवंला की फसल में कौन कौन से रोग लगते है तथा उनका नियंत्रण किस प्रकार करे ? आवंला में उतक क्षय रोग तथा रस्ट बीमारी लगती हैI इनके नियंत्रण के लिए 0.4 -0.5 % बोरेक्स का छिडकाव प्रथम अप्रैल में द्वितीय जुलाई एवं तृतीय सितम्बर में उतक क्षय हेतु करना चाहिए तथा रस्ट नियंत्रण हेतु 0.2 % डाईथेन जेड 78 या मैनकोजेब का छिडकाव 15 दिन के अन्तराल पर करना चाहिएI