भूमिज का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मौके पर सानग्राम के मुखिया बलराम सरदार , कालिकापुर के मुखिया होपना महाली, भाटिन के खेलाराम मुर्मू, जुड़ी के उपेंद्र नाथ सरदार, शंकरदा के योगेश्वर सिंह भूमिज, हेंसल आमदा के अर्घेन्दु सरदार उपस्थित थे।
- वृषभ राशि के जातकों में निम्न चारित्रिक विशेषताएं पाई जाती हैं चरित्र के प्रारंभिक लक्षण- दुराग्रही , लालची, भौतिकवादी, इंद्रियार्थवादी, भौतिक इच्छाओं द्वारा नियंत्रित, अड़ियल, मोटी बुद्धि का, अनम्य, भूमिज, स्थिर चित्त का व्यक्ति।
- कवर्धा के निकट भोरमदेव मंदिर स्पष्टतः भूमिज शैली का फणिनाग वंश से संबंधित अपने प्रकार का सर्वोत्कृष्ट नमूना है , यह परिसर और निकटस्थ क्षेत्र इस वंश के सुदीर्घकालीन गतिविधियों का केन्द्र रहा।
- संथाल , मुंडा , उरांव , हो , भूमिज , खड़िया , बिरहोर , जुआंग , खोंड , सवरा , गोंड , भील , बैगा , कोरकू , कमार आदि इस भाग के प्रमुख आदिवासी हैं।
- संथाल , मुंडा , उरांव , हो , भूमिज , खड़िया , बिरहोर , जुआंग , खोंड , सवरा , गोंड , भील , बैगा , कोरकू , कमार आदि इस भाग के प्रमुख आदिवासी हैं।
- झारखंड में 32 जनजातिय समूहों का निवास है जिसमें असुर , बैगा, बंजारा, भथुड़ी, बेदिया, बिंझिया, बिरहोर, बिरिजिया, चेरो, चिक-बराईक, गोंड, गोराईत, हो, करमाली, खैरवार, खोंड, किसान, कोरा, कोरवा, लोहरा, महली, मलपहाड़िया, मुंडा, ओरांव, पहाड़िया, सांथाल, सौरिया-पहाड़िया, सावर, भूमिज, कोल एवम कंवर शामिल हैं।
- बिरसा का यह उलगुलान कोल विद्रोह ( १८३१), भूमिज विद्रोह (१८३२) एवं मुल्की विद्रोह (१८५७) से ज्यादा उग्र था, क्योंकि इस उलगुलान में भूमि लूट से क्षति का सवाल, स्वशासन की वापसी का सवाल एवं अस्मिता की क्षति का सवाल एक साथ जुड़े थे ।
- बारहवीं सदी के ढेर सारे उदाहरण हैं , जिनमें जांजगीर और शिवरीनारायण के दो-दो मंदिर , नारायपुर का मंदिर युगल , आरंग का भांड देवल ( जैन मंदिर , भूमिज शैली ) , गनियारी , किरारीगोढ़ी , मल्हार के दो मंदिर आदि तथा रायपुर संभाग सीमा के कुछ मंदिर हैं।
- बारहवीं सदी के ढेर सारे उदाहरण हैं , जिनमें जांजगीर और शिवरीनारायण के दो-दो मंदिर , नारायपुर का मंदिर युगल , आरंग का भांड देवल ( जैन मंदिर , भूमिज शैली ) , गनियारी , किरारीगोढ़ी , मल्हार के दो मंदिर आदि तथा रायपुर संभाग सीमा के कुछ मंदिर हैं।
- मुंडा-भाषा-वर्ग में औरकई छोटी-छोटी उपभाषाएं हैं , जिनमें खड़िया (रांची, मानभूम, सिंहभूम-- बोलनेवाले लगभग पचहत्तर हजार), भूमिज (सिंहभूम-- चालीस हजार), माहिली (संतालपरगना, सिंहभूम-- तेरह हजार), केरवा (पलामू, रांची, पूर्णिया, हजारीबाग, सिंहभूम-- बारह हजार), कारमाली (संताल परगना, मानभूम, भागलपुर-- दस हजार), विरजिया (पलामू-- एक हजार), बिरहोर (हजारीबाग, पलामू, मानभूम, रांची-- पांचसौ), मुख्य हैं.