मंगलपाठ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जिसमे भाई बहनों व संतजनों ने प्रेरणादायक धार्मिक भजनों के द्वारा वैरागी गौतम जैन को अपनी मंगल कामनाएं दी , मंगलपाठ उपरांत विनोद जैन संगरूर वाले व प्रमोद जैन जोगध्यान परिवार की तरफ से प्रसाद बांटा गया।
- जिसमे भाई बहनों व संतजनों ने प्रेरणादायक धार्मिक भजनों के द्वारा वैरागी गौतम जैन को अपनी मंगल कामनाएं दी , मंगलपाठ उपरांत विनोद जैन संगरूर वाले व प्रमोद जैन जोगध्यान परिवार की तरफ से प्रसाद बांटा गया।
- भिवंडी - भिवंडी में क्रांतिकारी ओजस्वी प्रवचनकार जैन मुनि विमलसागरजी म . स ा . तथा मुनि पद्मविमलसागरजी म.स ा . के सान्निध्य में दिव्य स्तोत्रों एवं मंत्रो से युक्त मंगलपाठ और नवग्रह की संगीतमय मंत्र-साधना का भव्य आयोजन संपन्न हुआ।
- अंत में अनुपम मुनि ने कहा कि वे आगामी माह की 11 , 12 , 13 नवंबर को बंद कमरे में रहकर गुरू से प्राप्त साधना मौन रूप में करेंगे और 14 नवंबर को भगवान महावीर की कथा को पूर्णाहूति करके श्रद्धालुओं को मंगलपाठ सुनाएंगे।
- प्रतिदिन प्रात : , मध्यान्ह ओर रात्रि में नवकार महामंत्र का जाप करने के पष्चात् मंगलपाठ श्रवण करने हेतु उस षहर , नगर , गांव में मानो जनता का समूह दौड़ दौड़ कर आपश्री के पास आता ओर आप सिंह जैसी गर्जन आवाज में मंगलपाठ सुनाते ओर दु : खियारों के दु : ख दूर हो जाते थे।
- प्रतिदिन प्रात : , मध्यान्ह ओर रात्रि में नवकार महामंत्र का जाप करने के पष्चात् मंगलपाठ श्रवण करने हेतु उस षहर , नगर , गांव में मानो जनता का समूह दौड़ दौड़ कर आपश्री के पास आता ओर आप सिंह जैसी गर्जन आवाज में मंगलपाठ सुनाते ओर दु : खियारों के दु : ख दूर हो जाते थे।
- प्रवचन के समापन पर तपसम्राट सतेंद्र मुनि व वल्लभ मुनि ने श्रद्धालुओं का मंगलपाठ सुनाकर अपना आशीर्वाद दिया और कहा कि 5 अगस्त को श्री प्रेमसुख महाराज की 15 वीं दीक्षाजयंति के उपलक्ष्य में संपूर्ण नगरवासियों में खुशी की लहर दौड़ी हुई है और जैन संत अनुपम मुनि के सानिध्य में सवा करोड़ महामृत्युजंय जाप करवाए जा रहे है।
- आज मंदिर प्रांगण में माँ नारायणी फाउंडेशन द्वारा अओजित कार्यक्रम का दीप प्रज्वलन कर उदघाटन किशोर कुमार एवं जितेन्द्र अग्रवाल ने किया | तत्पश्चात गाजे-बाजे के साथ बारात निकाली गई , जिसमें श्री राधा-कृष्ण की मानव झांकी में बाल कलाकार श्रद्धा एवं स्मृति एवं माँ नारायणी की झांकी में अनुश्री एवं प्रकृति शामिल थीं | विभिन्न मार्गों से होते हुए बारात मंदिर प्रांगण में पहुँची | अवसर पर मुंबई से पधारी डिम्पल अग्रवाल ने मंगलपाठ प्रस्तुत कर सभी को भक्ति के रंग में रंग दिया |
- जागरण संवाददाता , बीरमित्रपुरः ओडिशा के विभिन्न जिलों समेत सीमावर्ती झारखंड व छत्तीसगढ़ के लोगों के आस्था का केंद्र बीरमित्रपुर स्थित राणी सती मंदिर में गुरुवार को दादी का मंगलपाठ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दादी के भक्तों ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ सुख, शांति व समृद्धि के लिए दादी से मन्नत मांगी। राणी सती मंदिर में गुरुवार की सुबह आठ बजे विधि-विधान के साथ दादी की पूजा-अर्चना करने के बाद मंगल पाठ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सुबह से मंग
- इस दौरान सुबह सवा पांच बजे से सवा छह बजे तक जप , अर्हत्-वंदना, गुरु वंदना, वृहद् मंगलपाठ, पाथेय, साढे छह बजे से सवा सात बजे तक आसन-प्राणायाम, साढे आठ से नौ बजे तक आगम-वाचन, नौ से ग्यारह बजे तक प्रवचन, सवा ग्यारह बजे से दोपहर बारह बजे तक प्रेक्षाध्यान सिद्धांत प्रयोग, दो से ढाई बजे तक नमस्कार महामंत्र जाप, ढाई से सवा तीन बजे तक व्याख्यान, साढे तीन बजे से चार बजे तक ध्यान, अनुप्रेक्षा, शाम पौने सात बजे से पौने आठ बजे तक गुरु वंदना-प्रतिक्रमण तथा रात आठ बजे से साढे नौ बजे तक अर्हत् वंदना-वक्तव्य होगा।