मंदाग्नि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अग्नि कुमार रस : अजीर्ण , मंदाग्नि एवं पेट दर्द आदि में।
- अजीर्ण , अरुचि, पेट के रोग, मंदाग्नि, खट्टी डकार आना, भूख कम लगना।
- मंदाग्नि , क्षय , कास , ज्वर आदि रोगों में लाभकारी है।
- क्रव्याद रस ( वृहत) : मंदाग्नि मूलक रोगों एवं उदर रोगों में लाभदायक।
- क्रव्याद रस ( वृहत) : मंदाग्नि मूलक रोगों एवं उदर रोगों में लाभदायक।
- अजीर्ण , अरुचि, पेट के रोग, मंदाग्नि, खट्टी डकार आना, भूख कम लगना।
- अगस्ति सूतराज रस : संग्रहणी अतिसार , आमांश शूल व मंदाग्नि में।
- मंदाग्नि के मरीज को यहाँ तक कष्ट उठाने की कोई जरूरत नहीं।
- लाभ : इस क्रिया के द्वारा मंदाग्नि दूर होकर जठराग्नि प्रदीप्त होती है।
- श्वास , खाँसी, रक्तपित्त, शुक्रक्षय, रक्तक्षय, धातु विकार, मूत्र रोग व मंदाग्नि नाशक है।