मद्यप का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- “ये कहना कि धर्म में आस्था और विश्वास रखे वाला किसी संदेही ( अविश्वासी या संशयी) से ज़्यादा ख़ुश है, ये कहना होगा जैसे कोई मद्यप (शराबी) किसी संयमी परहेज़गार से ज़्यादा ख़ुश है।”
- गोरख सुने तो वहाँ वेश बदल कर पहुँचे और मद्यप हो चुके मछिन्दरनाथ को सारंगी और खजड़ी के स्वरों चेत मछिन्दर . ..गोरख आया से उन्हें जगाया और फिर वहाँ से उबार कर ले आये।
- उसकी मनोदशा उस मद्यप की सी होती है जो बहुत पी लेने के बाद एक ही जगह पर पैर पटकता है और ज़ोर ज़ोर से रोता है कि इस बेरहम दुनिया की लंबी राह में मेरा घर नहीं आ रहा।
- द बिग बुक ( अल्कोहलिक्स एनोनिमस द्वारा) कहता है कि एक बार कोई शख्स मद्यप हो जाता है, वह हमेशा मद्यप (शराबी) ही रहता है, लेकिन इस संदर्भ में “मद्यप” शब्द का अर्थ क्या है, इसे परिभाषित नहीं किया गया है.
- द बिग बुक ( अल्कोहलिक्स एनोनिमस द्वारा) कहता है कि एक बार कोई शख्स मद्यप हो जाता है, वह हमेशा मद्यप (शराबी) ही रहता है, लेकिन इस संदर्भ में “मद्यप” शब्द का अर्थ क्या है, इसे परिभाषित नहीं किया गया है.
- मदिर नयन की , फूल बदन की प्रेमी को ही चिर पहचान ,मधुर गान का , सुरा पान का मौजी ही करता सम्मान ! स्वर्गोत्सुक जो , सुरा विमुख जोक्षमा करें उनको भगवान ,प्रेयसि का मुख , मदिरा का सुख प्रणयी के , मद्यप के प्राण !
- मदिर नयन की , फूल बदन की प्रेमी को ही चिर पहचान ,मधुर गान का , सुरा पान का मौजी ही करता सम्मान ! स्वर्गोत्सुक जो , सुरा विमुख जोक्षमा करें उनको भगवान ,प्रेयसि का मुख , मदिरा का सुख प्रणयी के , मद्यप के प्राण !
- मदिर नयन की , फूल बदन की प्रेमी को ही चिर पहचान , मधुर गान का , सुरा पान का मौजी ही करता सम्मान ! स्वर्गोत्सुक जो , सुरा विमुख जो क्षमा करें उनको भगवान , प्रेयसि का मुख , मदिरा का सुख प्रणयी के , मद्यप के प्राण !
- मदिर नयन की , फूल बदन की प्रेमी को ही चिर पहचान , मधुर गान का , सुरा पान का मौजी ही करता सम्मान ! स्वर्गोत्सुक जो , सुरा विमुख जो क्षमा करें उनको भगवान , प्रेयसि का मुख , मदिरा का सुख प्रणयी के , मद्यप के प्राण !
- मदिर नयन की , फूल बदन की प्रेमी को ही चिर पहचान , मधुर गान का , सुरा पान का मौजी ही करता सम्मान ! स्वर्गोत्सुक जो , सुरा विमुख जो क्षमा करें उनको भगवान , प्रेयसि का मुख , मदिरा का सुख प्रणयी के , मद्यप के प्राण !