मनस्ताप का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यह व्रत मनस्ताप , रोग , शोक , भय , बाधा आदि से मुक्ति एवं शनि जन्य पीड़ा के निवारण के लिए विशेष रूप से फलदायक माना जाता है।
- महीने के मध्य में सूर्य एकादष भाव मे परिवर्तन करके अपना शुभ प्रभाव कम कर देगा फलतः किसी दाहिने हाथ जैसे शुभचिन्तक के अलग हो जाने से शंका तथा मनस्ताप भी बने रहेंगे।
- महीने के मध्य में सूर्य एकादष भाव मे परिवर्तन करके अपना शुभ प्रभाव कम कर देगा फलतः किसी दाहिने हाथ जैसे शुभचिन्तक के अलग हो जाने से शंका तथा मनस्ताप भी बने रहेंगे।
- महीने के मध्य में सूर्य एकादष भाव मे परिवर्तन करके अपना शुभ प्रभाव कम कर देगा फलतः किसी दाहिने हाथ जैसे शुभचिन्तक के अलग हो जाने से शंका तथा मनस्ताप भी बने रहेंगे।
- संवेगात्मक समस्याओं वाले बालक-- जैसे बालक को मनस्ताप और कार्य-~ परकमनोविक्षिप्ति ( नेउरोसिस् अन्ड् ङुन्च्टिओनल् प्स्य्च्होसिस्) काम-विपथन (सेदुअल्ओब्सेरटिओन्), चरित्र-दोष (च्हरच्टेर् डेङेच्ट्स्), व्यक्ति विचलन (पेर्सोनलिट्य् डेविअटिओन्), संवेगात्मक अपरिपक्वता (एमोटिओनल् इम्मटुरिट्य्) तथा प्रतिगमन (रेग्रेस्सिओन्) का शिकार है.
- * पार्थ- पुत्र मेरे पुत्रों को हीन सदा समझेगा , स्वाभिमान गौरव-गरिमा से वंचित सदा करेगा, सारे गुण -गरिमा इनके ही लिये सदा आरक्षित , मेरी संन्ततियों को भी यह मनस्ताप ही देगा .
- * पार्थ- पुत्र मेरे पुत्रों को हीन सदा समझेगा , स्वाभिमान गौरव-गरिमा से वंचित सदा करेगा , सारे गुण -गरिमा इनके ही लिये सदा आरक्षित , मेरी संन्ततियों को भी यह मनस्ताप ही देगा .
- जिससे बालक का भविष्य नाजुक संवेदनशील , चिडचिडापन , दुबले-पतले , अधिक धार्मिक , चिंता अधिक , मनस्ताप , मनोविदिलता और पलायनवादी हो जाते है जिसको प्रमस्तिष्कीय प्रधान तमोगुणी में कभी कभी भावात्मक रजोगुणी का प्रभाव भी देखने को मिलता है जिसके कारण मन की अस्थिरता होती है .
- जिससे बालक का भविष्य नाजुक संवेदनशील , चिडचिडापन , दुबले-पतले , अधिक धार्मिक , चिंता अधिक , मनस्ताप , मनोविदिलता और पलायनवादी हो जाते है जिसको प्रमस्तिष्कीय प्रधान तमोगुणी में कभी कभी भावात्मक रजोगुणी का प्रभाव भी देखने को मिलता है जिसके कारण मन की अस्थिरता होती है .
- लेकिन जब गाड़ी कुछ दूर निकल गई , तो वह सोचने लगी कि विनय कहाँ चले गए ? कहीं ऐसा तो नहीं हुआ कि वह मुझे जाने पर तत्पर देखकर मुझसे पहले ही चल दिए हों ? उसे मनस्ताप होने लगा कि मैं नाहक यहाँ आने को तैयार हुई।