मन्त्री पद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- एक बार राष्ट्रपति शासन के छ : माह बीत जाने के बाद तीन प्रमुख विपक्षी दलों को तोड़ कर तथा शराब-सिंडीकेट और माफ़िआ निर्दलीय विधायकों को मन्त्री पद के लोभ से जोड़ कर कल्याण सिंह ने सरकार बनायी थी ।
- एक बार राष्ट्रपति शासन के छ : माह बीत जाने के बाद तीन प्रमुख विपक्षी दलों को तोड़ कर तथा शराब-सिंडीकेट और माफ़िआ निर्दलीय विधायकों को मन्त्री पद के लोभ से जोड़ कर कल्याण सिंह ने सरकार बनायी थी ।
- दीवान विजयमान , राजा को समझाने की कोशिश करता पर राजा सुना - अनसुना कर देता विजयमान बना भी तो था नया - नया मन्त्री होगा बीस - बाई का नवयुवक जो अपने पिता की मृत्यु के बाद मन्त्री पद पर पदासीन हुआ था।
- अब तो जब भारत का वीसा मिल ही रहा है तो कह सकता हूं कि भारत में विदेशी मूल के लोगों में , मैं कोई अकेला ही तो प्रधान मन्त्री पद का उम्मीदवार नहीं हूं, स्क्रिप्ट में बहुत संभावनायें हैं दोस्त और पिक्चर अभी बाकी है ।
- इस से बडा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि भारत की प्रजा तन्त्र और धर्म निर्पेक्ष शासन व्यवस्था में प्रधान मन्त्री पद के दावेदार आज भी केवल ऐक ही राजनैतिक परिवार से आते हैं और समाज जागरण छोड समाचार पत्र उन के प्रसार में जुट जाते हैं।
- पर यह भी सत्य है कि मारवाड़ी समाज , संस्कारवश जो ईमानदार होता है कर्मठ होता है यथासम्भव निस्वार्थ होता है , भद्र मानुष होता है , इन गुणों ने मोदी जी को ऊँचा उठाने में बिहार के उपमुख्य मन्त्री पद तक पहुँचने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
- ्थान मीटर गेज प्रवासी सघ ( भारतीय रेल) मुम्बई, - सहित कई पत्र पत्रिकओ मे सवाददाता-सम्पादक कि भुमिका मे कार्य कियावर्तमान मे सीटीयूपी मुम्बई के मन्त्री पद 2005 से अब तकताऊ : ताऊ साप्ताहिक पत्रिका के बारे मे क्या कहना चाहेंगे?महावीर बी. सेमलानी:- ताऊ साप्ताहिक पत्रिका का नाम स्वर्णीम अक्षरो मे लिखा जाऐ तो कोई अतिशियोक्ती नही।
- आश्चर्यजनक रूप से ये महाशय चुनाव जीत गये और काबीना मन्त्री भी रहे , लेकिनएक बार इन्होंने अपने किसी परिचत के दबाव में अपने विभाग के एक तृतीय श्रेणी के कर्मचारी का स्थानान्तरण कर दिया , जिसे मुख्यमन्त्री ने ये कहते हुए स्टे ( स्थगित ) कर दिया कि आपको मन्त्री पद और लाल बत्ती की गाडी चाहिये या ट्रांसफर करने का अधिकार ?
- लोगो को लगता है कि यह अति है और बे-इन्तहा जुल्मो सितम है और नरेन्द्र भाई को वेवजह परेशान करने का कुचक्र है , जबकि नरेन्द्र मोदी ने ऐसा कुछ भी नही किया है ? यह “ निगेटिव पब्लीसिटी ” नरेन्द्र मोदी के खाते मे चली गयी और इससे उनको फायदा हुआ और उनकी लोक प्रियता और उनके प्रधान मन्त्री पद की दावेदारी की लोगों के बीच में स्वीकार्यता अधिक बढ गयी /