महाराणा कुम्भा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कहा जाता है कि इस इमारत में , जिसे महाराणा कुम्भा ने सन् १ ४ ३३ में बनवाया था , मालवा के सुल्तान महमूद को गिरफ्तार कर रखा था।
- क्षेमकर्ण के पुत्र ( और महाराणा कुम्भा के भतीजे) महाराणा सूरजमल ने १५१४ ईस्वी में देवगढ़ (या देवलिया) ग्राम में अपना स्थाई ठिकाना बनाते हुए 'नए राज्य' का विस्तार किया.
- क्षेमकर्ण के पुत्र ( और महाराणा कुम्भा के भतीजे) महाराणा सूरजमल ने १५१४ ईस्वी में देवगढ़ (या देवलिया) ग्राम में अपना स्थाई ठिकाना बनाते हुए 'नए राज्य' का विस्तार किया.
- उदयपुर से 70 किलोमीटर दूर समुद्र तल से 1087 मीटर ऊंचा और 30 किलोमीटर व्यास में फैला यह दुर्ग मेवाड के महाराणा कुम्भा की सूझबूझ और प्रतिभा का स्मारक है।
- क्षेमकर्ण के पुत्र ( और महाराणा कुम्भा के भतीजे) महाराणा सूरजमल ने १५१४ ईस्वी में देवगढ़ (या देवलिया ) ग्राम में अपना स्थाई ठिकाना बनाते हुए 'नए राज्य' का विस्तार किया.
- उदयपुर से ७० किमी दूरसमुद्र तल से १ , ०८७ मीटर ऊँचा और ३० किमी व्यास में फैला यह दुर्ग मेवाड़ के यशश्वी महाराणा कुम्भा की सुझबुझ व प्रतिभा का अनुपम स्मारक है।
- १४४० में मालवा व गुजरात के मुस्लिम शासकों पर अपनी जीत का स्मरणोत्सव मनाने के लिए महाराणा कुम्भा द्वारा निर्मित नौ मंजिला व 37मीटर ऊँचा विजय स्तम्भ भी देखने योग्य हैं।
- संग्रहालय में कृष्ण दीवानी मीरा , महाराणा अमर सिंह, महाराणा उदय सिंह, महाराणा संग्राम सिंह राणा सांगा महाराणा कुम्भा और महाराणा बप्पा रावल के बड़े-बड़े चित्र बडी सुन्दरता से प्रदर्शित किए गए हैं.
- महाराणा कुम्भा मोकल का जेष्ठ पुत्र था और मेवाड़ की गद्दी पर वि . सं. १४९० में बैठा था और लगभग ३५ वर्ष तक शासन करने के पश्चात् वि.सं. १५२५ में उसकी मृत्यु हो गई।
- मेवाड़ की सीमाओं की दुश्मनों से रक्षा करने के लिए मेवाड़ अंचल से बनाये गये ८ ४ छोटे-बड़े दुर्ग में से ३ २ का निर्माण एवं डिजाईन महाराणा कुम्भा द्वारा करवाई गई थी .