महावाक्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जैसे जिज्ञासु ‘तत्वमसि ' महावाक्य का विचार करता है वैसे ही ‘कावर' भी अनुसंधेय है।
- ‘ महावाक्य ' से समापन होता है , कर्म संन्यास योग की व्याख्या का
- यह श्री गीताजी के माध्यम से श्रीकृष्णरूपी पुरुषोत्तम के मुँह से निकला महावाक्य है।
- इसी वक्त हम पुरुषोत्तम बनते हैं . ब्रह्मामुख से उच्चरित शिव महावाक्य सुन कर .
- वेद , आगम , मन्त्र , कर्मबोधक-वाक्य और महावाक्य इनका चरम तात्पर्य क्या है ?
- सामवेद के छान्दोग्य उपनिषद में ऐसा ही एक और महावाक्य है “ तत्वमसि ” ।
- उपनिषदों में राम नाम , ॐ अथवा अक्षर ब्रह्म हैं व इसका तात्पर्य तत्वमसि महावाक्य है-
- अयम् आत्मा ब्रह्म उपनिषद् के इस महावाक्य के अनुसार आत्मा और परब्रह्म का समीकरण है।
- एक व्यक्ति ऐसा भी था , जिसे इस वाक्य में महावाक्य का बोध नजर आया।
- गीता-ज्ञान कैसे देते और गीता में लिखे हुए उनके यह महावाक्य कैसे सत्य सिद्ध होते