महासत्ता का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मगर 21 वीं सदी में महासत्ता बनने के सपने देखने वाले सत्ताधारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है कि मुंबई जैसे शहर में ज्यादातर श्रमिक जनता अब भी 19 वीं सदी की बीमारियों से जूझ रहे हैं।
- लेकिन , भारत की विकास स्टोरी जारी रहने और आर्थिक महासत्ता की ओर बढ़ने का पक्का दावा होने के बावजूद बाजारों के साफ होने का भय जिसने खड़ा किया उस मीडिया एवं इक्विटी विश्लेषकों को इस जांच के दायरे में लेना चाहिए।
- मोलतोल के कार्यकारी शुभम शर्मा का कहना है कि मोलतोल डॉट इन आम आदमी को ऐसी सूचनाएं देने का प्रयास है जिससे वह वित्तीय रुप से मजबूत बनने के साथ देश को भी आर्थिक महासत्ता बनाने में अपना योगदान दे सकता है।
- मोलतोल के कार्यकारी शुभम शर्मा का कहना है कि मोलतोल डॉट इन आम आदमी को ऐसी सूचनाएं देने का प्रयास है जिससे वह वित्तीय रुप से मजबूत बनने के साथ देश को भी आर्थिक महासत्ता बनाने में अपना योगदान दे सकता है।
- मोलतोल के कार्यकारी शुभम शर्मा का कहना है कि मोलतोल डॉट इन आम आदमी को ऐसी सूचनाएं देने का प्रयास है जिससे वह वित्तीय रुप से मजबूत बनने के साथ देश को भी आर्थिक महासत्ता बनाने में अपना योगदान दे सकता है।
- अंग्रेजों की मेहरबानी से 1900 के आते आते भारत का हिस्सा हो गया 1 . 7% और ब्रिटेन का जा पहुँचा 18.6% . मगर आज़ादी के इतने दशक बीतने के बाद भी पुनः आर्थिक महासत्ता बनने का भारत का सपना सपना ही क्यों रह गया?
- विदेश से संदेश आते रहते हैं कि भारत आने वाले समय में आर्थिक महासत्ता और राजनीतिक शक्ति होगा . ...और हमारे नेता इस प्रशंसा या कहिए कि पश्चिमी की इस टिप्पणी पर खुश रहते हैं और अपनी पीठ थपथपाते रहते हैं कि देखा भारत महासत्ता बनेगा।
- विदेश से संदेश आते रहते हैं कि भारत आने वाले समय में आर्थिक महासत्ता और राजनीतिक शक्ति होगा . ...और हमारे नेता इस प्रशंसा या कहिए कि पश्चिमी की इस टिप्पणी पर खुश रहते हैं और अपनी पीठ थपथपाते रहते हैं कि देखा भारत महासत्ता बनेगा।
- लेकिन , भारत की विकास स् टोरी जारी रहने और आर्थिक महासत्ता की ओर बढ़ने का पक् का दावा होने के बावजूद बाजारों के साफ होने का भय जिसने खड़ा किया उस मीडिया एवं इक्विटी विश् लेषकों को इस जांच के दायरे में लेना चाहिए।
- आज जब देश महासत्ता बनने की दौड़ में कदम बढ़ाते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी की बुलंदियों को छू रहा है , तब इसके विकास की बुनियाद भौतिक विकास, नैतिक तत्वज्ञान और आदर्श के मूलभूत सिद्घांतों और सार्वभौमिकता के मूल्यों पर आधारित होना बेहद जरूरी है।