मांडूक्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ( संस्कृत शब्द , अर्थात अद्वैतवाद या एकत्ववाद या दो न होना ) , भारत के सनातन दर्शन वेदांत के सबसे प्रभावशाली मतों में से एक , इसके अनुयायी मानते है कि उपनिष्दों में इसके सिद्धांतों की पूरी अभिव्यक्ति है औ यह वेदांत सूत्रों के द्वारा व्यवस्थित है , जहां तक इसके उपलब्ध पाठ का प्रश्न है , इसका ऐतिहासिक आरंभ मांडूक उपनिषद पर छंद रूप में लिखित टीका मांडूक्य कारिका के लेखक गौड़पाद से जुड़ा हुआ है।