मात्रिक छंद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बाकी फ़ेलुन की बहर है इसे मात्रिक छंद की तरह इस्तेमाल न करें और लघु से मिसरा न शुरू हो तो बेहतर है।
- मात्रिक छंद के सभी चरणों में मात्राओं की संख्या तो समान रहती है लेकिन लघु-गुरु के क्रम पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
- चौपाई ( सं . ) [ सं-स्त्री . ] ( काव्यशास्त्र ) चार चरण का मात्रिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में सोलह-सोलह मात्राएँ होती हैं।
- वस्तुत : मात्रिक छंद में ग़ढना आसान होता है , स्कूल के दिनों से ही अध्यापकों नें मात्रायें गिनवा गिनवा कर ठोस कर दिया है।
- वस्तुत : मात्रिक छंद में ग़ढना आसान होता है , स्कूल के दिनों से ही अध्यापकों नें मात्रायें गिनवा गिनवा कर ठोस कर दिया है।
- यहाँ यह बतलाना आवश्यक हो जाता है कि उर्दू अरूज में वर्णिक छंद ही होते हैं जबकि हिंदी में वर्णिक छंद के अतिरक्त मात्रिक छंद भी।
- कभी “दोहा एक मात्रिक छंद है जिसके चार चरण होते हैं , प्रथम और तृतीय तथा द्वितीय और चतुर्थ चरणों में क्रमशः तेरह-तेरह और ग्यारह-ग्यारह मात्राएँ होती हैं”
- भुवन में सुख-शांति भरो उठो - दिवस का अवसान समीप था , गगन कुछ लोहित हो चला 189 हरिगीतिका छंद का परिचय है - यह मात्रिक छंद है।
- लेकिन हिंदी काव्य में , ख़ासतौर से मात्रिक छंद के रूढ़ प्रयोग और भाषाई जटिलता के कारण यह छंद रूपी साधन तो बना रहा, किंतु साध्य लय छूटती गई।
- छप्पय [ सं-पु . ] ( काव्यशास्त्र ) छह चरणों वाला एक मात्रिक छंद , जिसके पहले चरण में रोला के और फिर दो चरण उल्लाला के होते हैं।