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मान्त्रिक का अर्थ

मान्त्रिक अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. अपने अभीष्ट की कामना में प्राचीनकाल से ही मनुष्य किन्ही अनुष्ठानों का आयोजन करता रहा है जिनमें से कुछ ऐसे होते हैं जो वह सामान्य पुरोहितो से हट कर ओझा , बैगा , तान्त्रिक , मान्त्रिक आदि से सम्पन्न कराता है ।
  2. सीट पीत शरीर पर आने पर भी इसी तरह का मंत्र पढ़ा जाता है जिसमे मान्त्रिक या तांत्रिक घाव पर दूब या सिंवळ / सिंयारू ( बोयमीरिया मैक्रोफिला ) के पत्तों को पाणी में भिगोकर घाव या फोड़ी पर धीरे धीरे स्पर्श करता है .
  3. उनमें गृहस्थ थे , साधु थे, श्रद्धालु थे, भक्त थे, सेवक थे, योगी थे, तान्त्रिक थे, मान्त्रिक थे, हिन्दु के अलावा मुसलमान थे, क्रिस्चियन थे, सिक्ख थे, बौद्ध थे, पारसी थे, भारतीयों के अलावा अफगान थे, इटेलियन थे, अमरीकी थे, अँग्रेज थे, और न जाने कौन कौन थे ।
  4. जीवन में कभी कोई उच्च स्तर तांत्रिक , मान्त्रिक जो रास्ता भटक चुके हो ओर आपके लिए अपने विद्या से समाज विरोधी कार्य करते हुए परेशानी का कारण बन रहे हो तब उनकी सारी शक्ति छीन कर उन्हें निस्तेज बनाने के लिय्रे एक मात्र यही महाविद्या हैं सदगुरुदेव एक पूरा विधान इस सन्दर्भ में दिया हुआ हैं .
  5. जीवन में कभी कोई उच्च स्तर तांत्रिक , मान्त्रिक जो रास्ता भटक चुके हो ओर आपके लिए अपने विद्या से समाज विरोधी कार्य करते हुए परेशानी का कारण बन रहे हो तब उनकी सारी शक्ति छीन कर उन्हें निस्तेज बनाने के लिय्रे एक मात्र यही महाविद्या हैं सदगुरुदेव एक पूरा विधान इस सन्दर्भ में दिया हुआ हैं .
  6. तांत्रिक , मान्त्रिक , ओझा , अघोरी आदि कुछ विशेष मुहूर्तों में सम्मोहन , मारण , मोहन , उच्चाटन , वशीकरण , आरोग्य , धन - धान्य और ऐश्वर्य आदि के लिए उल्लू की बलि देकर उसके प्रत्येक अवयव जैसे आँख , पंजा , मांस , रक्त , पंख , खाल आदि का उपयोग करते हैं ।
  7. तांत्रिक , मान्त्रिक , ओझा , अघोरी आदि कुछ विशेष मुहूर्तों में सम्मोहन , मारण , मोहन , उच्चाटन , वशीकरण , आरोग्य , धन - धान्य और ऐश्वर्य आदि के लिए उल्लू की बलि देकर उसके प्रत्येक अवयव जैसे आँख , पंजा , मांस , रक्त , पंख , खाल आदि का उपयोग करते हैं ।
  8. मान्त्रिक - तांत्रिक दूध फूल माध्यम से पश्वा ( जिस औरत पर छाया लगी है ) के सामने दूध फूल का मन्तर पढ़ता है नग जाड / दरिया / डोल गड्डी : यदि दूध फूल पूजा से कोई षी फल ना मिले तो फिर कई अन्य प्रकार के छाया पूजन होता है जैसे दरियावली / नग जाड / डोल गड्डी आदि .
  9. सर सर फैली यह ख़बर कानाफूसियों में बढती गई एक दिन डायरिया से हुई एक बच्चे की मौत पर वह डायन घोषित कर दी गई किसी ने कोशिश नही की जानने की उस रात नदी पर क्यों गई थी वह दरअसल अपने नपुंसक पति पर नदी का जल छिड़ककर ख़ुद पर लगा बाँझ का कलंक मिटाने के लिए यह तरीका उसने अपनाया था रास्ता किसी चालाक मान्त्रिक ने सुझाया था
  10. छ महीने तक की तरह का टिट बिट करना होता है c गंगासलाण के दो प्रसिद्ध छाया पूजक : श्री चैतराम डबराल व श्री मंगला नन्द बडथ्वाल बीसवीं सदी में गंगा सलाण में श्री श्री चैतराम डबराल ( ग्राम अलमोडी , पट्टी डबराल स्यूं ) व श्री मंगला नन्द बडथ्वाल ( ग्राम गड़मोला , पट्टी बिछ्ला ढागु ) प्रसिद्ध मान्त्रिक तांत्रिक हुए जो की छाया पूजन के दक्ष माने जाते थे
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