मुम्बैया का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- निर्भेय गुर्जर , फक्कड़ ,कुशमा ,रज्जन ,जगजीवन आदि ऐसे नाम रहे हैं जिन्होंने अपने दस्यु जीवन में बीहड़ों को अपने खौफ से उबरने दिया वहीँ दस्यु सुन्दरी सीमा परिहार के भाग्य का निर्णय मुम्बैया फ़िल्मी बाजार तय नहीं कर सका.
- अंग्रेज़ी वालों के लिए , मुम्बैया , सेलेब्रिटी , कारपोरेट पूँजी से पोषित आयोजनों में इन अखबारों की पत्रकारिता यूँ लगाती है जैसे साहित्य-संस्कृति का सच्चा हाल इन दो कौडी के आयोजनों की तफसीली रिपोर्टिंग से ही सामने आएगा।
- अंग्रेज़ी वालों के लिए , मुम्बैया , सेलेब्रिटी , कारपोरेट पूँजी से पोषित आयोजनों में इन अखबारों की पत्रकारिता यूँ लगाती है जैसे साहित्य-संस्कृति का सच्चा हाल इन दो कौडी के आयोजनों की तफसीली रिपोर्टिंग से ही सामने आएगा।
- ऐसे ही ना जाने कितने अनगिनत अहसास है जो जी रहे है हम इन दो-चार दिनों की गुलाबी ठण्ड में . ........... कल से पारा उछल के सीधे चार डिग्री ऊपर आ गया और मौसम में मुम्बैया असर दिखने लगा .....
- यंत्रीकरण का दौर हुआ , फिर धीमी इसकी चाल हुई | टीवी बम्बैया-पिक्चर से , इसकी भाषा बेहाल हुई || मुम्बैया फ़िल्में आज ग्लोबी स्तर पर हिंदी का प्रचार प्रसार कर रहीं हैं , अब फिल्मों का ग्लोबल रिलीज़ होता है .
- निर्भेय गुर्जर , फक्कड़ , कुशमा , रज्जन , जगजीवन आदि ऐसे नाम रहे हैं जिन्होंने अपने दस्यु जीवन में बीहड़ों को अपने खौफ से उबरने दिया वहीँ दस्यु सुन्दरी सीमा परिहार के भाग्य का निर्णय मुम्बैया फ़िल्मी बाजार तय नहीं कर सका .
- क्या हमारी सरकार हमे यह बताएगी की क्यों हम अपने ही देश में ' बिहारी' , 'गुजरती', और 'मुम्बैया' हैं, क्या सरकार के पास इस बात का जबाब है कि क्यों हमें इस बात कि गारंटी नहीं है कि टुकडों में जीने के बाद हमारी पूरी लाश को मिटटी नसीब हो.
- जैसे बंगला में जब बुकी भाई लड़ते है तो “फज्लामी” शब्द का प्रयोग किया गया है आज कल जब बंगला फ़िल्म जगत मुम्बैया फ़िल्म के प्रभाव से ग्रसित है और इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल बंद हो गया है , उस समय हिन्दी सिनेमा में इस शब्द का इस्तेमाल विशाल की भाषा और स्क्रिप्ट पर जबरदस्त पकड़ दर्शाती है।
- जैसे बंगला में जब बुकी भाई लड़ते है तो “ फज्लामी ” शब्द का प्रयोग किया गया है आज कल जब बंगला फ़िल्म जगत मुम्बैया फ़िल्म के प्रभाव से ग्रसित है और इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल बंद हो गया है , उस समय हिन्दी सिनेमा में इस शब्द का इस्तेमाल विशाल की भाषा और स्क्रिप्ट पर जबरदस्त पकड़ दर्शाती है।
- किसी को बना दे किसी को मिटा दे खुदा है कि क्या है मुझे तू बता दे फ़रिश्ते रहें क्यों भला बीच में अब मुझे तू बुला ले गले से लगा दे वाह गर्ग साहब वाह . ..बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने...मतले से मकते तक अच्छे शेर कह गए हैं आप...आपके मतले से मिलता जुलता शेर मैंने अपनी एक मुम्बैया ज़बान की ग़ज़ल में कहा था...