मूत्रकृच्छ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यह आसन वायु प्रकोप , मूत्रकृच्छ आदि को ठीक करता है तथा पेट पर बल पड़ने के कारण पाचन क्रिया को सुचारु बनाता है।
- यह आसन वायु प्रकोप , मूत्रकृच्छ आदि को ठीक करता है तथा पेट पर बल पड़ने के कारण पाचन क्रिया को सुचारु बनाता है।
- मूत्रकृच्छ रोग अधिक ठण्ड लगने के कारण , गोनोरिया , मूत्राशय की पथरी होने पर तथा प्रोस्टेट की सूजन आदि के कारण होता है।
- मूत्रकृच्छ रोग होने पर रोगी को पेशाब करते समय , करने के बाद या करने से पहले ऐंठन या काटता हुआ दर्द होता है।
- एरक और पटेर ये दोनों ही कषैले और मधुर रसयुक्त , शीतवीर्य , मूत्रवर्द्धक , घाव को भरने वाला , मूत्रकृच्छ और रक्त-पित्तनाशक है।
- एरक और पटेर ये दोनों ही कषैले और मधुर रसयुक्त , शीतवीर्य , मूत्रवर्द्धक , घाव को भरने वाला , मूत्रकृच्छ और रक्त-पित्तनाशक है।
- दूब की जड़ को पीसकर सेवन करने से मूत्रकृच्छ ( पेशाब करने में जलन या कष्ट होना ) की विकृति नष्ट हो जाती है।
- गुड़ डाला हुआ घोल , मूत्रकृच्छ ( पेशाब में जलन ) और चित्रक मिलाया हुआ घोल पाण्डु ( पीलिया ) रोग को नष्ट करता है।
- गुड़ डाला हुआ घोल , मूत्रकृच्छ ( पेशाब में जलन ) और चित्रक मिलाया हुआ घोल पाण्डु ( पीलिया ) रोग को नष्ट करता है।
- यदि कोई बच्चा पेशाब करने से पहले रोता है या पेशाब करते समय रोता है तो समझना चाहिए कि बच्चे को मूत्रकृच्छ रोग हो गया है।