मैत्रायणी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कृष्ण यजुर्वेद की आजकल चार शाखाएँ मिलती हैं - तैत्तिरीय मैत्रायणी , काटक, कठ तथा कापिष्ठल संहिता।
- की शाखा में ४ संहिताएँ -१ . तैत्तिरीय, २. मैत्रायणी, ३.कठ और ४.कपिष्ठल कठ ही उपलब्ध हैं।
- ऐसा था तो मैत्रायणी और कठक संहिताओं में धनी और समृद्ध शूद्रों उल्लेख कैसे है ?
- ऐसा था तो मैत्रायणी और कठक संहिताओं में धनी और समृद्ध शूद्रों उल्लेख कैसे है ?
- ( 4 . ) मैत्रायणी उपनि षद् - यह मैत्रायणी शाखा से सम् बद्ध है ।
- ( 4 . ) मैत्रायणी उपनि षद् - यह मैत्रायणी शाखा से सम् बद्ध है ।
- ऐसा था तो मैत्रायणी और कठक संहिताओं में धनी और समृद्ध शूद्रों का उल्लेख कैसे है ?
- इसी तरह मैत्रायणी संहिता में रात्रि और पर्वतों के पंखों को लेकर दो सुन्दर कहानियाँ मिलती हैं।
- * पञ्चभिक्षुशतव्याकरण परिवर्त में पूर्ण मैत्रायणी पुत्र आदि अनेक भिक्षुओं के बुद्धत्व-प्राप्ति का व्याकरण किया गया है।
- वर्तमान में कृष्ण यजुर्वेद की शाखा में ४ संहिताएँ -तैत्तिरीय , मैत्रायणी, कठ और कपिष्ठल कठ ही उपलब्ध हैं।