मोक्षदायक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उनके बताए दिव्यकर्मी के लक्षण इस प्रकार हैं - ( १ ) कर्त्तव्य - अभिमान से शून्य होकर मोक्षदायक ज्ञान में स्थित होकर समस्त कर्मों को करने वाला ( श्लोक १ ८ ) ( २ ) कामना से मुक्त होकर भगवान् के संकल्प बल से जुड़कर कर्म करने में रुचि रखने वाला ( श्लोक १ ९ ) ।
- अष्टसिद्धि के साथ नवनिधि का सयोंग बनता है और नवमुखी रूद्राक्ष धारक को नवनिधि , हाथी , घोड़े , रथ , दुर्ग , स्त्री , स्वर्ण , शस्त्र , धन , और धान्य मिलने के संयोग बनते है तथापि जो नो मोक्षदायक तीर्थ हैं ( नैमिष , पुस्कर , गया , मथुरा , द्वारका , बद्रीकाश्रम , कु रूक्षेत्र , नमर्दा तथा पुरूषोत्तम ) उनमें स्नान करने का फल प्राप्त होता है ऐसा नारदीय पुराण में लिखा है।