रतिनाथ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- श्री रतिनाथ पुस् तकालय , पूर्णिया द्वारा यह मुकुल प्रकाशन , नई दिल् ली के सौजन् य से 2012 में प्रकाश में आया है।
- बलचनमा से डरता हूँ , वरुण के बेटों से डरता हूँ , दुखमोचन और रतिनाथ और वाचस्पति और पद्मानंद और मोहन माँझी से डरता हूँ .
- नागार्जुन ने ' बलचनमा', 'रतिनाथ की चाची', 'बाबा बटेसरनाथ', 'नयी पौध्, 'जमनिया का बाबा', 'दुखमोचन' आदि उपन्यासों में पात्रों के जरिए ही आम जनजीवन की समस्याओं को उठाया है।
- रतिनाथ की चाची , बलचनमा , बाबा बटेसरनाथ , नयी पौध , वरुण के बेटे , दुखमोचन , उग्रतारा , कुंभीपाक , पारो , आसमान में चाँद तारे ।
- नागार्जुन की गद्य कृतियों में रतिनाथ की चर्चा , वरुण के बेटे , बाबा बटेसरनाथ आदि ऐसी कृतियाँ हैं जिसमें सामाजिक वैषम्य , कुरीतियों , अन्धविश्वासों के विरुद्ध जागृति का भाव है।
- नागार्जुन का लगभग अस्सी प्रतिशत जो उपन्यास साहित्य है , जैसे 'रतिनाथ की चाची', 'कुंभी पाक' और दूसरे अनेक, इन सबमें किसी न किसी स्त्री की यातना और उससे मुक्त होने की छटपटाहट मौजूद है.
- 1936 में - देहाती दुनिया - के जरिए आंचलिक उपन्यास की दुनिया में जो बिरवा आचार्य शिवपूजन सहाय ने रोपा था , नागार्जुन ने बलचनमा , रतिनाथ की चाची और वरूण के बेटे के जरिए उसे आगे बढ़ाया।
- 1936 में - देहाती दुनिया - के जरिए आंचलिक उपन्यास की दुनिया में जो बिरवा आचार्य शिवपूजन सहाय ने रोपा था , नागार्जुन ने बलचनमा , रतिनाथ की चाची और वरूण के बेटे के जरिए उसे आगे बढ़ाया।
- उनके ‘ रतिनाथ की चाची ' ( 1949 ) , ‘ बलचनमा ' , ( 1952 ) , ‘ नई पौध ' ( 1953 ) और ‘ बाबा बटेसरनाथ ' ( 1954 ) में भी आंचलिक परिवेश का चित्रण हुआ है।
- नागार्जुन जाति की उच्चता और विचारों की निम्नता पर ' रतिनाथ की चाची' उपन्यास में बुध्ना चमार की पत्नी के माध्यम से प्रहार करते हैं...'एक बात कहती हूँ, माफ करना, बड़ी जातिवालों की तुम्हारी यह बिरादरी बड़ी मलिच्छ, बड़ी निठुर होती है, मलिकाइन।