रस्मो रिवाज का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हरेक देश के अपने अनूठे त्यौहार , खेलकूद , लोकप्रिय संगीत , खान पान से जुडी प्रथाएं , अपने अलग रस्मो रिवाज भी होते हैं ...जो उस देश कि संस्कृति के अविछिन्न चिन्ह कहलाते हैं ...
- प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान के रिसर्चर डॉ . कमल किशोर ने बताया कि ग्रंथ में जनकपुरी में राम का विवाह, राम की बारात का दृश्य, विवाह के रस्मो रिवाज, सोने की लंका और परशुरामजी के धनुष को स्वर्ण एवं रजत से अंकित गया है।
- इधर कंगना के एक शुभचिंतक का कहना है कि कंगना जब मुंबई आई थी तो एक छोटे शहर की 18 साल की नासमझ लड़की थी , मगर मुंबई में इतने साल रहने के बाद उसे यहाँ के रस्मो रिवाज भी समझ में आ गए।
- शहर से आए हुए लोग दर असल खबरों से जुड़े वो लोग हैं जिनके पास सूचना है कि इस गाँव में एक बूढी स्त्री मृत्यु शय्या पर है और उनको उसकी मृत्यु के बाद किये जाने वाले खास खास रस्मो रिवाज का फोटोग्राफिक दस्तावेजीकरण करना है .
- सूरज जब शुक्र के लिए ज़हरीला हो तो सूरज की उम्र 22 वें साल , सूरज का दिन में वक्त पूरी दोपहर के पहले का अर्सा , सूरज का दिन इतवार या वैसे ही शादी के रस्मो रिवाज करने के लिए दिन का वक्त मुबारक न होगा।
- हर इंसान अपने इनफ़ेरादी कामों में एक मुल्क की मानिन्द है जिसके बाशिन्दे मख़्सूस क़वानीन , रस्मो रिवाज में ज़िन्दगी गुज़ारते हैं और उस मुल्क की मुख़्तार और हाकिम ताक़तों का फ़र्ज़ है कि सबसे पहले अपने किरदार को उस मुल्क के बाशिन्दों के मुताबिक़ बनायें और फिर उनको नाफ़िज़ करें।
- हर इंसान अपने इनफ़ेरादी कामों में एक मुल्क की मानिन्द है जिसके बाशिन्दे मख़्सूस क़वानीन , रस्मो रिवाज में ज़िन्दगी गुज़ारते हैं और उस मुल्क की मुख़्तार और हाकिम ताक़तों का फ़र्ज़ है कि सबसे पहले अपने किरदार को उस मुल्क के बाशिन्दों के मुताबिक़ बनायें और फिर उनको नाफ़िज़ करें।
- वाह वाह आपके यहाँ की दिवाली के रस्मो रिवाज सुनकर मजा आ गया कितनी पवित्र कितनी शुद्ध होती थी दिवाली पहले गाँव में आज भी शहरों से बेहतर होती हैं शहरों में तो ध्वनि प्रदूषण वायु प्रदूषण कितना फैलता है जिसका कोई लाभ न होकर नुक्सान ही है बहुत बढ़िया पोस्ट है नूतन जी आपको व् आपके पूरे परिवार को दिवाली की शुभ कामनाएं
- यह एक सच है कि मज़हब की दीवार पिघल के मुहब्बत के सांचे में न ढल पाई कभी तुम मजबूर हुईं रस्मो रिवाज को लेकर कभी मैं मजबूर हुआ इस समाज को लेकर यह एक सच है कि मैं और तुम हम नहीं बन पाए मगर यह भी एक सच है कि अब तूने भी एक दुनिया बसा ली है कि मैंने भी एक दुनिया बसा ली है .
- अगर में ये कह सकता हु तो पूरी दुनिया भी ये कह सकती हे की हमारे देश में पर-प्रान्तियो के लिए जगह नहीं हे , तो फिर ग्लोबल गुजराती की गुंजाईश कहासे आती ? और अमेरिका-यूरोप ये कहे की तुम्हारे रस्मो रिवाज गुजरात में छोड़ कर आवो तो गुजराती अस्मिता वहा केसे महकती ? दुनिया का हर एक इन्सान जहा भी जाता हे , अपना भावविश्व उसके साथ रहता हे .