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राजऋषि का अर्थ

राजऋषि अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. मु झे न जाने क्यों औपचारिक सम्मान समारोहों से अजीब सी वितृष्णा है , लेकिन फिर भी राकेश खंडेलवाल जी , और विशेष रूप से गौतम राजऋषि मैं शाम को खंडेलवाल जी के सम्मान समारोह में पहुँचा था।
  2. प्रकाश बादल जी और गौतम राजऋषि जी जैसों के गजल और हिमांशु जी जैसे कुछ लोगों की रचनाएं पढकर मेरी समझ में कभी कभार ही कुछ आता है , वहां आप मेरी टिप् पणियां भूले भटके ही पाएंगे।
  3. यूनिकवि गौतम राजऋषि को तत्वमीमांसक डॉ॰ गरिमा तिवारी की ओर से ' येलो पिरामिड ' भेंट की जायेगी तथा यूनिकवि को डॉ॰ गरिमा तिवारी से मेडिटेशन पर एक पैकेज का ऑनलाइन प्रशिक्षण पाने का अधिकार होगा ( लक पैकेज़ छोड़कर ) ।
  4. “ गजल गाँव पील छांव मोर पाँव पाल ले ” एक रोग नादां में गौतम राजऋषि जी की कविता गाँवो में पीपल की छांव बड़ी सुखद लगती है और ऊपर से एक मोर पाल हो तो बात ही ख़ूबसूरत हो जाती है .
  5. ” वेदो अखिलो धर्म मूलम ” … ” वेद धर्म का मूल हैं ” … राजऋषि मनु के अनुसार ‘ वेद ' शब्द ‘ विद ' मूल शब्द से बना है … ‘ विद ' का अर्थ है … “ ज्ञान ” …
  6. पटना , अक्तूबर २ ६ - विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए कुशीनगर उत्तर प्रदेश के राजऋषि स्वामी रामनयनदास ने कहा कि गो माता सृष्टि द्वारा हम सब को दिया गया अनुपम उपहार है ।
  7. पटना , अक्तूबर २ ६ - विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए कुशीनगर उत्तर प्रदेश के राजऋषि स्वामी रामनयनदास ने कहा कि गो माता सृष्टि द्वारा हम सब को दिया गया अनुपम उपहार है ।
  8. विराट सम्राट मेघऋषि राजऋषि भगवान के वंशजो की देश व प्रदेशों में 1671 जाति नामों से सम्बोधित किये जाने वाले मेघवंशियो को एक मंच पर एकत्रित व संगठित कर समाज में भावात्मक एकता का बोध करा मेघवंशियों के मान सम्मान एवं स्वाभिमान की चेतना जगाना।
  9. इस प्रकार प्रथम चरण के ६ जजों द्वारा दिये गये अंकों के औसत के आधार पर २२ कविताओं को दूसरे चरण के जजमेंट के लिए भेजा गया , जहाँ दो जजों के द्वारा दिये गये अंकों और प्रथम चरण के औसत के औसत के आधार पर गौतम राजऋषि की ग़ज़ल को यूनिकविता चुना गया।
  10. |अत : ऐसे लोगो के लिए इस दल के दरवाजे लगभग बंद ही करने होंगे |इस कार्य में समय थोडा ज्यादा लग सकता है किन्तु इसकी आज सर्वाधिक आवश्यकता है |सभी क्षत्रिय संघठनो एवं प्रबुद्ध क्षत्रिय इस पर विचार कर शीघ्र अति- शीघ्र इस प्रकार के दल के गठन कि प्रक्रिया शुरू करे ,तो यह एक सार्थक प्रयास होगा|“जय क्षात्र-धर्म ”“कुँवरानी निशा कँवर नरुका ”श्री क्षत्रिय वीर ज्योति राजऋषि ठाकुर श्री मदनसिंह जी,दांता
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