राजा इल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस वरदान के फलस्वरूप वे एक माह इल रहते और एक माह इला ! राजा इल के जो साथी नारी बन गये उन्हें किंपुरुषी की संज्ञा दी गई और एक अलग स्थान में रहने का आदेश दिया गया ।
- इस वरदान के फलस्वरूप वे एक माह इल रहते और एक माह इला ! राजा इल के जो साथी नारी बन गये उन्हें किंपुरुषी की संज्ञा दी गई और एक अलग स्थान में रहने का आदेश दिया गया ।
- उत्तरकांड का ८ ७ बा सर्ग : = प्रजापति कर्दम के पुत्र राजा इल बहिकदेश ( अरब ईरान क्षेत्र के जो इलावर्त क्षेत्र कहलाता था ) के राजा थे , बो धर्म और न्याय से राज्य करते थे ..
- अब प्रभु आपको याद होगा कि आपके भक्त राजा इल ने अपने राज्य में पड़े सुखे और आकाल से निपटने के लिए किले के सामने बनवाये उस तालाब में अपने पहले पुत्र और वधु को हवन की बेदी पर बैठाला था .
- अपने किले से एक राक्षस को बारह अश्वो के रथ को देख कर राजा इल की इच्छा हुई कि वह उस राक्षस से रथ छीन ले . .... ! बस इसी उधेड़बुन में राजा इल ने भगवान भास्कर एवं शनिदेव को देखे बिना ही अपनी मंत्र शक्ति चला दी .
- अपने किले से एक राक्षस को बारह अश्वो के रथ को देख कर राजा इल की इच्छा हुई कि वह उस राक्षस से रथ छीन ले . .... ! बस इसी उधेड़बुन में राजा इल ने भगवान भास्कर एवं शनिदेव को देखे बिना ही अपनी मंत्र शक्ति चला दी .
- इनमें अधिक प्रचलित है सुग्रीव के जन्म की कथा , राजा इल का इला ( स्त्री ) और पुन : इल ( पुरुष ) बनने की कथा तथा शिखण्डी के जन्म के उपरान्त लिंग-परिवर्तन की बहुचर्चित-महाभारत की कथा , जिसमें सम्भवत : यक्ष स्थूणाकर्ण ने उसका लिंग-परिवर्तन औषाधियों के माध्यम से कर दिया था।
- इनमें अधिक प्रचलित है सुग्रीव के जन्म की कथा , राजा इल का इला ( स्त्री ) और पुन : इल ( पुरुष ) बनने की कथा तथा शिखण्डी के जन्म के उपरान्त लिंग-परिवर्तन की बहुचर्चित-महाभारत की कथा , जिसमें सम्भवत : यक्ष स्थूणाकर्ण ने उसका लिंग-परिवर्तन औषाधियों के माध्यम से कर दिया था।
- देवऋषि नारद ने राजा इल से कहा कि ' ' राजन तुम्हारे कर्मो का ही फल है कि आज भगवान भास्कर इस धरती पर किसी स्थान पर नही बल्कि एक ऐसी पहाड़ी पर विराजमान हुये जिसको तुम्हारे किले के चारो दरवाजो से देखा जा सकता है . ..... '' देवऋषि की वाणी का सभी ने स्वागत किया .
- महादेव को दरशन देकर राजा इल को पूर्ण पुरुषत्व देना … राजा इल का बाहिक देश छोड़ कर मध्य प्रदेश ( गंगा यमुना संगम के निकट ) प्रतिष्ठानपुर बसाया बाद में राजा इल के ब्रहम लोक जाने के बाद पुरुरवा का राज्य के राजा हुए - इति समाप्त आज के लेख से आपके प्रश्न और उसके जबाब … ..