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रेशमी धागा का अर्थ

रेशमी धागा अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. रेशमी धागा , निरन्तर सूत कर तोड़ा गया है नीलकंठी कामनायें विल्वपत्रों की प्रतीक्षित पर सजाया है उन्हें आकर धतूरे आक ने ही राजगद्दी ने जिन्हें वनवास खुद ही दे दिया हो -अद्भुत!!! गज़ब!!....
  2. अब बुनकरों को वे ही बतौर कर्ज धागा उपलब्ध कराते हैं , अब यह रेशमी धागा भागलपुरी तो है नहीं , तो फिर कहां से बनेंगी परंपरागत भागलपुरी चादरें और कैसे बुना जाएगा भागलपुरी सिल् क. '
  3. जहाँ इक पुराने से मंदिर के सिरहाने वाले पुराने से पीपल के दरख़्त की , सबसे ऊंची डाली के तने पर अपनी मन्नतों का रेशमी धागा बाँधा था कई साल पहले .... बिसरा दिया था जिसको मैंने ...
  4. बस खेल खत्म ही समझो , बला से मुक्ति , उधेड़बुन से निजात पर क्या यह मोड इतिहास का बड़ा बदन मोड होगा ? क्या इसे पढते वक्त कोई पाठक यह पन्ना मोड कर रखेगा ? कोई पेंच , गुलाब , रेशमी धागा या मार्कर को बरतेगा ?
  5. बस खेल खत्म ही समझो , बला से मुक्ति , उधेड़बुन से निजात पर क्या यह मोड इतिहास का बड़ा बदन मोड होगा ? क्या इसे पढते वक्त कोई पाठक यह पन्ना मोड कर रखेगा ? कोई पेंच , गुलाब , रेशमी धागा या मार्कर को बरतेगा ?
  6. बंधन हम एक पर्व की तरह से मनाते हैं एक निश्चित दिन लेकिन ये एक अहसास भी है - बहन के द्वारा भाई की कलाई पर बंधा हुआ रेशमी धागा इस बात का प्रतीक है कि बहन ने भाई को अपने रक्षा दायित्व में बाँध लिया है लेकिन उस दायित्व को निभाना भी एक बहूत बड़ा काम होता है।
  7. rakshaa बंधन हम एक पर्व की तरह से मनाते हैं एक निश्चित दिन लेकिन ये एक अहसास भी है - बहन के द्वारा भाई की कलाई पर बंधा हुआ रेशमी धागा इस बात का प्रतीक है कि बहन ने भाई को अपने रक्षा दायित्व में बाँध लिया है लेकिन उस दायित्व को निभाना भी एक बहूत बड़ा काम होता है।
  8. धड़कनें बन कर रकम , लिक्खी हुईं सारी , बकाया रह गईं जो शेष उनको नाम से जोड़ा गया है एक जो अवसाद में उलास के टांके लगाता रेशमी धागा , निरन्तर सूत कर तोड़ा गया है नीलकंठी कामनायें विल्वपत्रों की प्रतीक्षित पर सजाया है उन्हें आकर धतूरे आक ने ही राजगद्दी ने जिन्हें वनवास खुद ही दे दिया हो हो सके अभिषेक उनके , बस उमड़ती खाक से ही
  9. केतु की पीडा से जातक का स्वास्थ खराब होता है , तो चन्द्रमा सहायक माना जाता है , कभी कभी केतु पुरुष सन्तान यानी पुत्रो को कष्ट देता है , ऐसा होने पर मन्दिर में कम्बल का दान करना चाहिये , केतु के बुरे प्रभाव से पांव के पंजो एं या पेशाब की नली में रोग पीडा आदि होने के कारण मिलने वाले कष्टो से बचने के लिये पावों के अंगूठो पर रेशमी धागा बांध लेना चाहिये।
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