वबा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मीर मेहदीहसन ' मजरुह ' ने अपने ख़त में ज़िक्र किया तो उसके जवाब में लिखते हैं , “ भई , कैसी वबा ? जब एक सत्तर बरस के बुड्ढे और सत्तर बरस की बुढ़िया को न मार सकी ”
- ग़ालिब ने महामारी की बात तो की लेकिन महामारी को महामारी मानने से इंकार करते हुए यह जवाब भेजा कि ” भई , कैसी वबा ? जब एक सत्तर बरस के बुड्ढे और सत्तर बरस की बुढ़िया को न मार सकी।
- ईरान में बज़ोरशमशीर इस्लामी वबा आई कमजोरों ने इसे निगल लिया मगर गयूर ज़रथुर्सठी ने इसे ओढना गवारा नहीं किया , घर बार और वतन की क़ुरबानी देकर हिदुस्तान में आ बसे जिहें पारसी कहा जाता है , दुन्या में सुर्खुरू है .
- इसका निस्फ़ भी बड़ी से बड़ी वबा और दीगर हलाकतों से नहीं आयी अगर ये भी तसलीम कर लिया जाये कि कोई किताब शुरू में मुनज़्ज़ा मिनल ख़ता मानी जाती थी तो मौजूदा ज़माने में इसके मुनज़्ज़ा मिनल ख़ता होने का वअज़ करना महज़ शरारत है।
- मज़हब के नाम पर बेकारों को जंगी लूट की आसान रोज़ी मिल गई , बनू नसीर और खैबर जैसी हजारों बस्तियां इस नई वबा से तबाह- ओ-बर्बाद हुईं . दूसरी तरफ “ इस्लामी इल्म-ए-जेहालत ” का रूह्जन मुस्लिम हुक्मरानों ने बढाया जिस से एक नया तबका पैदा हुवा जो कि जंगी सऊबतों से बचना चाहता था , वोह इस में लग गया .
- उसके बाद फिर इसकी वबा आई सैकडों मुहक़्क़िन पैदा हुए कई किताबें वजूद में आईं , बाज़ी मारा इमाम बुखारी ने जिस का बुखार कुरान के बाद इस्लामी दुन्या पर हदीसों का चढा हुवा है , इमाम बुखारी की तालीफ़ “ सहीह बुखारी ” पर मुझे सौ फी सदी एतबार है कि उन्हों ने दयानत दारी का मुजाहिरह जिसारत के साथ किया है .
- मजाज ही ने 1937 में सरमायादारी पर नज्म लिखते हुए कहा था : - ये वो आंधी है , जिसकी रौ में मुफलिस का नशेमन है ये वो बिजली है जिसकी ज़द में हर दहका का खिर्मन है ये अपने हाथ में तहजीब का फानूस लेती है मगर मजदूर के तन से लहूँ तक चूस लेती है ये इंसानी बला खुद , खूने इंसानी की गाहक है वबा से बढ़के मुहलिक , मौत से बढ़कर भयानक है।
- कलेजा फुक रहा है और जबाँ कहने से आरी है , बताऊँ क्या तुम्हें क्या चीज यह सरमाएदारी है, यह वह आँधी है जिसके रो में मुफलिस का नशेमन है, यह वह बिजली है जिसकी जद में हर दहकान का खरमन है यह अपने हाथ में तहजीब का फानूस लेती है, मगर मजदूर के तन से लहू तक चूस लेती है यह इंसानी बला खुद खूने इंसानी की गाहक है, वबा से बढकर मुहलक, मौत से बढकर भयानक है।
- कलेजा फुक रहा है और जबाँ कहने से आरी है , बताऊँ क्या तुम्हें क्या चीज यह सरमाएदारी है , यह वह आँधी है जिसके रो में मुफलिस का नशेमन है , यह वह बिजली है जिसकी जद में हर दहकान का खरमन है यह अपने हाथ में तहजीब का फानूस लेती है , मगर मजदूर के तन से लहू तक चूस लेती है यह इंसानी बला खुद खूने इंसानी की गाहक है , वबा से बढकर मुहलक , मौत से बढकर भयानक है।
- कलेजा फुक रहा है और जबाँ कहने से आरी है , बताऊँ क्या तुम्हें क्या चीज यह सरमाएदारी है , यह वह आँधी है जिसके रो में मुफलिस का नशेमन है , यह वह बिजली है जिसकी जद में हर दहकान का खरमन है यह अपने हाथ में तहजीब का फानूस लेती है , मगर मजदूर के तन से लहू तक चूस लेती है यह इंसानी बला खुद खूने इंसानी की गाहक है , वबा से बढकर मुहलक , मौत से बढकर भयानक है।