वाक्यार्थ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वेद में पद ही वाक्य होते हैं ( पदान्येव वाक्यम्) और पदार्थ ही वाक्यार्थ होता है (वाक्यार्थ: पदार्थ:)।
- प्रथम अवांतर तात्पर्य पदार्थ विषय का प्रतिपादन करता है और महातात्पर्य वाक्यार्थ विषय का प्रतिपादन करता है।
- वाक्यपदीय के द्वितीय कांड में विशेष रूप से वाक्य और वाक्यार्थ का विषय प्रस्तुत किया गया है।
- वैदिक और लौकिक वाक्यों का सहस्रों की संख्या में वाक्यार्थ निर्णयोपयोगी न्यायों का पूर्वमीमांसा ने ही प्रतिपादन किया है।
- वैदिक और लौकिक वाक्यों का सहस्रों की संख्या में वाक्यार्थ निर्णयोपयोगी न्यायों का पूर्वमीमांसा ने ही प्रतिपादन किया है।
- वेद वाक्यार्थ निर्णय के लिए प्रवृत्त मीमांसा दर्शन में चार प्रकार की विधि का प्रतिपादन किया गया है -
- वेद वाक्यार्थ निर्णय के लिए प्रवृत्त मीमांसा दर्शन में चार प्रकार की विधि का प्रतिपादन किया गया है -
- वैदिक और लौकिक वाक्यों का सहस्रों की संख्या में वाक्यार्थ निर्णयोपयोगी न्यायों का पूर्वमीमांसा ने ही प्रतिपादन किया है।
- जिस प्रकार प्रदीपपूर्व विद्यमान घटादि की प्रतीति कराता है , उसी प्रकार वर्ण अथवा पदपूर्व विद्यमान वाक्यार्थ का बोध कराते हैं.
- वाक्य के ज्ञान से वाक्यार्थ की प्रमा ( यथार्थ ज्ञान ) होती है , इसीलिए तो वाक्य प्रमाण कहलाता है।