वासन्तिक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- तो चूंकि वह मन्त्र आदि का प्रयोग नहीं कर सकता , इसलिए इन औषधियों में वासन्तिक , मलाक , विराज , जटामांसी , लटजीरा एवम बघेरुआ सब एक एक तोला मिलाकर कम से कम प्रति रविवार कर के चार रविवार तक घर के मध्य में इस प्रकार जलायें कि धूँवाँ पूरे घर में फ़ैल जाय।
- नवरात्रों में किसकी उपासना करें ? वैसे तो वासन्तिक नवरात्रों में विष्णु जी की और शारदीय नवरात्रों में शक्ति की उपासना की प्रधानता है ही , किन्तु शक्ति और शक्तिधर ये दोनों ही तत्व अत्यन्त व्यापक तथा परस्पर अभिन्न हैं , अतः दोनों नवरात्रों में विष्णु जी व शक्ति दोनों की उपासना की जा सकती है।
- तो आइये हम सब भी मिल जुल कर इस प्राकृतिक परिवर्तन के सुख का अनुभव करें और ईश्वर को धन्यवाद दें | आप सभी को वासन्तिक नवरात्र , उगडी , चैती चाँद , गुडी पड़वा तथा बैसाखी की हार्दिक शुभकामनाएँ | “ विजय ” नामक भारतीय विक्रम नव सम्वत्सर जीवन के हर क्षेत्र में आपको विजय प्रदान कर सफलता का सुख अनुभव कराए |
- बाकि दो को गुप्त नवरात्र कहते है , क्यूंकि उनका विधान या उनकी जानकारी या प्रचलन आम जनमानस में कम ही है जिस कारण यह “ गुप्त ” कहा गया है | इसी आधार पर शाक्ततंत्रों ने तुला संक्रांति के आस पास से आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि और हिन्दू वर्ष के आरम्भ में मेष संक्रांति के आस पास अर्थात चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम दिवस से वासन्तिक नवरात्रि मनाई जाती है
- वासन्तिक नवरात्रि के इन्हीं नौ दिनों पर मां दुर्गा के जिन नौ रूपों का पूजन किया जाता है वे क्रमशः इस प्रकार हैं - पहला शैलपुत्री ( Shailputri ) , दूसरा ब्रह्माचारिणी ( Brahmacharini ) , तीसरा चन्द्रघन्टा ( Chandraghanta ) , चौथा कूष्माण्डा ( Kushmanda ) , पाँचवा स्कन्द माता ( Skand Mata ) , छठा , कात्यायिनी ( Katyayani ) , सातवाँ कालरात्रि ( Kalratri ) , आठवाँ महागौरी ( Mahagauri ) , नौवां सिद्धिदात्री ( Siddhidatri ) ।