विधारा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- विधारा की जड़ , जीरा, विदारी कन्द, शतावरी, तालमखाना, बला की जड़, कौंच के छिलकारहित बीज, अतीस, जावित्री, जायफल, लौंग, भांग के बीज, अजवायन और सफेद राल सब द्रव्य 3-3 ग्राम।
- विधारा की जड़ आदि सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट-पीसकर छानकर खूब महीन चूर्ण कर लें और भस्म में मिलाकर खूब घुटाई करें , ताकि सभी द्रव्य मिलकर एक जान हो जाएँ।
- विधारा की जड़ , जीरा, विदारी कन्द, शतावरी, तालमखाना, बला की जड़, कौंच के छिलकारहित बीज, अतीस, जावित्री, जायफल, लौंग, भांग के बीज, अजवायन और सफेद राल सब द्रव्य 3-3 ग्राम।
- 1 . शुक्राल्पता ( शुक्राणुओं की कमी ) : विधारा के 1 से 2 ग्राम बीजों का चूर्ण 5 ग्राम घी के साथ मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करना चाहिए।
- 1 . शुक्राल्पता ( शुक्राणुओं की कमी ) : विधारा के 1 से 2 ग्राम बीजों का चूर्ण 5 ग्राम घी के साथ मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करना चाहिए।
- 3 . विद्रधि ( फोड़ा के जख्म ) : फोडे़ के घाव और सूजन के लिए विधारा के पत्तों में एरण्ड तेल लगाकर हल्का गर्म करके घाव वाले जगहों पर बांध देना चाहिए।
- * गुल्म ( झाड़ीदार) पादपों में निगरुण्डी, केर, गुग्गुलू, करंज, एरण्ड, जेट्रोफा तथा लता वाले पादपों में अमृता, अपराजिता, दमाबेल, विधारा आदि पादपों का रोपण हर्बल पार्क की चारो तरफ बाउण्ड्री के पास-पास किया जाएगा।
- मंगल - अनंतमूल 4 . बुध - विधारा की जड़ 5 . शुक्र - सिंहपुछ की जड़ 6 . शनि - बिच्छोल की जड़ 7 . राहु - खेत चंदन की जड़ 8 .
- मंगलवार को गिलोय बूटी के रस , बुधवार को विधारा जड़ी के रस , वीरवार को दूध में हल्दी मिलाकर , शुक्रवार को पंचामृत और शनिवार को गन्ने के रस व छाछ से शिवलिंग को स्नान कराएं।
- यह सेवन बहुत कम लोगों के द्वारा ही किया जा सकता है , क्योंकि जो लोग बहुत शारीरिक कार्य ; चीलेपबंस ूवताद्ध करते हैं वो वाजीकारक औषधियों को प्रबन्ध नहीं कर पाते जैसे-शतावर , विधारा , अश्वगन्धा आदि।