विनय पिटक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसी प्रकार एक अन्य पुस्तक विनय पिटक के चुल्लवग्ग में एक दृष्टान्त है , जिसमे किसी महात्मा द्वारा भिक्षुओं को लोकायत प्रणाली का अध्ययन करने से रोकने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं ।
- बौद्धों का साहित्य देखा जाए तो भगवान बुद्ध की मुत्यु के एक सप्ताह के भीतर ही संकलन करना शुरू किया जा सका था , इसलिए सुत्र व विनय पिटक मौलिकता के सर्वाधिक करीब की रचना हैं।
- उन्होंने लिखा है- " विनय पिटक के चुल्ल वग्ग में एक कथाहै, जिसमें दो ब्राह्मण भिक्षु (यमेलु और तेकुल) इस बात पर बड़े क्षुब्ध होतेदिखाए गए हैं कि नाना जाति और गोत्रों के मनुष्य अपनी अपनी भाषा में बुद्ध वचनोंको रख कर उन्हे दूषित करते हैं, '(सकाय निरुतिया बुद्ध वचनं दूसेन्ति)'.
- उन्होंने लिखा है- " विनय पिटक के चुल्ल वग्ग में एक कथाहै, जिसमें दो ब्राह्मण भिक्षु (यमेलु और तेकुल) इस बात पर बड़े क्षुब्ध होतेदिखाए गए हैं कि नाना जाति और गोत्रों के मनुष्य अपनी अपनी भाषा में बुद्ध वचनोंको रख कर उन्हे दूषित करते हैं, '(सकाय निरुतिया बुद्ध वचनं दूसेन्ति)'.
- भगवान बुद्ध ने विनय पिटक में भिक्षुओं के लिए जो करणीय आचरण कहे हैं , उनके करने से यद्यपि ' चारित्त्व शील ' पूरा हो जाता हे , और निषिद्ध कर्मों के न करने से ' वारित्त शील ' पूरा हो जाता है , तथापि उन्होंने निर्वाण प्राप्ति के लिए जो मार्ग प्रदर्शित किया है , उसे अपने जीवन में उतारने से ही चरित्त शील , भलीभांति पूरा होता है।