विश्वदेव का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उसके ऐसा निवेदन करने पर ब्रह्मा आदि देवताओं ने कहा- वास्तु के प्रसंग में तथा विश्वदेव के लिए अंत में जो बलि दी जाएगी वह तुम्हारा आहार होगा।
- ये विश्वदेव सहित श्राद्ध हैं . 6 . सपिण्डन श्राद्ध : वह श्राद्ध जिसमें प्रेत-पिंड का पितृ पिंडों में सम्मलेन किया जाता है , उसे सपिण्डन श्राद्ध कहा जाता है .
- धारण करने के लिए स्नान करके आसन पर बैठ जाएँ फिर आचमन कर के , नौ तन्तुओं में क्रमशः ॐकार, अग्नि, सर्प, सोम, पितर, प्रजापति, वायु, यम और विश्वदेव की तथा तीन ग्रन्थियों में
- क्षय रोग की त्रासदी -आचार्य विश्वदेव जी का दृष्टिकोण था कि मुर्गा-मुर्गियों का इंसानी भोजन के लिये शिकार करने का ही परिणाम आज टी . बी . त्रासदी के रूप में सामने है .
- राजा की दु : ख भरी बातें सुनकर विश्वदेव ने कहा राजन आप पष शुक्ल पक्ष की एकादशी ( Paushya Shukla Paksha Ekadasi ) का व्रत कीजिए , इससे आपको पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी।
- दिनकर ( चांद का कुर्ता ) , हरिवंश राय बच्चन ( चिडिया ओ चिडिया ) , सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ( बतूता का जूता ) डा विश्वदेव शर्मा ( हरा समन्दर गोपी चन्दर ) जैसी कविताएं सहज रूप में ग्राह्य हैं ।
- पिथैारागढ़ के साहसिक पथ अन्वेषक विश्वदेव पाण्डे ‘वासु ' एवं ‘रियल' संस्था के राकेश जोशी, विजय राय आदि पाटी विकास खण्ड में धार्मिक पर्यटन को साहसिक पर्यटन के साथ जोड़कर पर्यटन के मानचित्र में स्थान दिलाने के प्रयास में मेहनत से जुटे हैं।
- इन प्रश्नों का शास्त्र में उत्तर दिया गया है कि नाम व गौत्र के सहारे विश्वदेव एवं अग्नि ख्वाता आदि दिव्य पितरों को हव्य ( हवन ) तथा काव्य ( पितरों के निमित्त ब्रह्मभोज ) के द्वारा पदार्थ प्राप्त करा देते हैं।
- आज रोग और प्रदूषण वृद्धि क्यों ? -आचार्य विश्वदेव जी का मत था कि नदियों में सिक्के डालने की प्रथा आज फिजूल और हानिप्रद है क्योंकि अब सिक्के एल्युमिनियम तथा स्टील के बनते हैं और ये धातुएं स्वास्थ्य के लिये हानिप्रद हैं .
- 1 . नित्य श्राद्ध : वे श्राद्ध जो नित्य-प्रतिदिन किये जाते हैं , उन्हें नित्य श्राद्ध कहते हैं . इसमें विश्वदेव नहीं होते हैं . 2 . नैमित्तिक या एकोदिष्ट श्राद्ध : वह श्राद्ध जो केवल एक व्यक्ति के उद्देश्य से किया जाता है .