वृषपर्वा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वृषपर्वा ने देवयानी को प्रसन्न करने के लिये उससे कहा , “हे पुत्री! तुम जो कुछ भी माँगोगी मैं तुम्हें वह प्रदान करूँगा।”
- देवयानी का दैत्यराज वृषपर्वा की पुत्री शर्मिष्ठा के साथ ' रिश्ता 'दासी सखी ' का था ही उनमें गहरी मित्रता थी .
- उन्हीं दिनों की बात है कि एक बार दैत्यराज वृषपर्वा की पुत्री शर्मिष्ठा अपनी सखियों के साथ अपने उद्यान में घूम रही थी।
- शर्मिष्ठा ययाति की रानी थी और किंचित् कारणों से दैत्यराज वृषपर्वा की पुत्री देवयानी दासी के तौर पर उसके साथ आई थी ।
- उन्हीं दिनों की बात है कि एक बार दैत्यराज वृषपर्वा की पुत्री शर्मिष्ठा अपनी सखियों के साथ अपने उद्यान में घूम रही थी।
- उन्हीं दिनों की बात है कि एक बार दैत्यराज वृषपर्वा की पुत्री शर्मिष्ठा अपनी सखियों के साथ अपने उद्यान में घूम रही थी।
- देवयानी ने उत्तर दिया , मैं दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य की पुत्री हूं और यह मेरी सखी दासी दैत्यराज वृषपर्वा की पुत्री शर्मिष्ठा है।
- दूसरे ही दिन वे वृषपर्वा की सभा में गए और गुस्से से बोले - ‘ राजन् ! ये आपके राज्य कैसा अधर्म हो रहा है ?
- “ वृषपर्वा ने देवयानी को प्रसन्न करने के लिये उससे कहा , ” हे पुत्री ! तुम जो कुछ भी माँगोगी मैं तुम्हें वह प्रदान करूँगा।
- शुक्राचार्य ने अपनी पुत्री के अहंकार का पोषण किया और दैत्यराज वृषपर्वा को अपनी पुत्री को दासी के रूप में देवयानी की सेवा में नियुक्त करने का निर्देश दिया।