वेध्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उस लम्हे में सोनिया गांधी को अपना पूरा भारतीय अतीत याद आया होगा , राजीव गांधी याद आए होंगे, सत्ता की ताकत और उसकी सीमाएं याद आई होंगी, इसका नशा और वह विडंबना भी याद आई होगी, जिसने एक ओर नेहरू-गांधी परिवार को देश का सबसे ताकतवर परिवार भी बनाया और दूसरी ओर सबसे वेध्य भी.
- वेध लोग समाज सेवा करते थे और जो कुछ उन्हें समाज से मिलता था उससे वे संतुष्ट थे / किन्तु वो अब व्यापारी बन गए है , बलिक समाज के लिए खतरा बन गए है जब भवनान शुद्ध सेवा करने की हुआ करती थी उस समय वेध्य और वकालत के धंधे उदार धंदे के , जो सर्वथा ठीक था .
- लेकिन जहाँ ये वेध्य हैं , वहाँ इनकी व्याज स्तुति क्यों कर ? आप उस प्रधानमन्त्री के बारे में एक लम्हा सोचिए , '' जो आज़ादी की हर लड़ाई पर / शर्मिंदा है और माफ़ी मांगता है पूरी दुनिया में / जो एक बेहतर गुलामी के राष्ट्रीय लक्ष्य के लिए कुछ भी / कुरबान करने को तैयार है '' ।
- प्रणय कृष्ण ने इस ओर भी ध्यान आकृष्ट किया है कि प्रगतिशील कवि के बरअक्स समकालीन कवि का संघर्ष अक्सर समाज , राजनीति और संस्कृति के खुले , व्यापक और वेध्य परिसर की बजाए भाषा की सरहदों में ही मह्दूद है- `` ` समकालीन कविता ' समय और समाज में वांछित वास्तविक प्रतिरोध को प्रेरित , संगठित करने की भूमिका नहीं चुनती।
- छेद्य ( छेदन हेतु ) , भेद्य ( भेदन हेतु ) , लेख्य ( अलग करने हेतु ) , वेध्य ( शरीर में हानिकारक द्रव्य निकालने के लिए ) , ऐष्य ( नाड़ी में घाव ढूंढने के लिए ) , अहार्य ( हानिकारक उत्पत्तियों को निकालने के लिए ) , विश्रव्य ( द्रव निकालने के लिए ) , सीव्य ( घाव सिलने के लिए ) ।
- छेद्य ( छेदन हेतु ) , भेद्य ( भेदन हेतु ) , लेख्य ( अलग करने हेतु ) , वेध्य ( शरीर में हानिकारक द्रव्य निकालने के लिए ) , ऐष्य ( नाड़ी में घाव ढूंढने के लिए ) , अहार्य ( हानिकारक उत्पत्तियों को निकालने के लिए ) , विश्रव्य ( द्रव निकालने के लिए ) , सीव्य ( घाव सिलने के लिए ) ।
- १ . छेद्य ( छेदन हेतु ) २ . भेद्य ( भेेदन हेतु ) ३ . लेख्य ( अलग करने हेतु ) ४ . वेध्य ( शरीर के हानिकारक द्रव्य निकालने केलिए ) ५ . ऐश्य ( नाडी के घाव ढूंढने केलिए ) ६ . अहार्य ( हानिकारक उत्पत्तियों को निकालने केलिए ) ७ . विश्रव्य ( द्रव निकालने केलिए ) ८ . सीव्य ( घाव सिलने केलिए ) ।
- १ . छेद्य ( छेदन हेतु ) २ . भेद्य ( भेेदन हेतु ) ३ . लेख्य ( अलग करने हेतु ) ४ . वेध्य ( शरीर के हानिकारक द्रव्य निकालने केलिए ) ५ . ऐश्य ( नाडी के घाव ढूंढने केलिए ) ६ . अहार्य ( हानिकारक उत्पत्तियों को निकालने केलिए ) ७ . विश्रव्य ( द्रव निकालने केलिए ) ८ . सीव्य ( घाव सिलने केलिए ) ।
- विश्लेषण / सूक्ष्म पर्यवेक्षण पर अधिक निर्भर रहकर गुज़र चुकी अच्छी-बुरी घटनाओं के बाद भीतर और बाहर की परिस्थिति पर छोड़े गये उनके निशानात और उनके अभिप्राय अंकित करती है।'' (-`कथा'-13, नवम्बर, 2008, पृ0 116-117) प्रणय कृष्ण ने इस ओर भी ध्यान आकृष्ट किया है कि प्रगतिशील कवि के बरअक्स समकालीन कवि का संघर्ष अक्सर समाज, राजनीति और संस्कृति के खुले, व्यापक और वेध्य परिसर की बजाए भाषा की सरहदों में ही मह्दूद है- `` `समकालीन कविता' समय और समाज में वांछित वास्तविक प्रतिरोध को प्रेरित, संगठित करने की भूमिका नहीं चुनती।
- देश मे भ्रष्टाचार सरकारी कर्मचारी ही बड़ा रहे है इस बात का सबूत है ! अभी तक प्रशासन क्या सो रहा था ? अभी क्यो कार्यवाही शुरु की गई ? झोपड़ पट्टियों को वेध्य कर रहे हो ? उलहानगर मे कई बिल्डिंग वेध्य कर दी गई हैं तो सरकार इसे क्यो नही जुर्माना लगा कर वेध्य कर सकती ? एक ही कानून सब जगह के लिय बराबर होना चाहिये ? एक पोश एलाके मे भ्रष्ट बिल्ड़ेर अवेध्य निर्माण करता है और सरकार को कानो कन खबर नही होती एसा हो ही नही सकता ?